पुण्य कर्मों से बनता है भविष्य
कर्मणा गहनों गति: -भगवद्गीता यथापि पुप्फ रासरासिम्हा, कयिरा मालागुणे बहूएवं जातेन मच्चेन, कत्तब्बं कुसलं बहुं.जैसे फूलों के ढेर सेअनेक मालाएँ बनाई जा सकती हैं,उसी प्रकार एक जन्मधारी प्राणी कोअनेक अच्छे…
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कर्मणा गहनों गति: -भगवद्गीता यथापि पुप्फ रासरासिम्हा, कयिरा मालागुणे बहूएवं जातेन मच्चेन, कत्तब्बं कुसलं बहुं.जैसे फूलों के ढेर सेअनेक मालाएँ बनाई जा सकती हैं,उसी प्रकार एक जन्मधारी प्राणी कोअनेक अच्छे…
साधना का उद्देश्य आत्मसत्ता को परिष्कृत करना है। जीव अपने आप में पूर्ण है। पूर्ण से उत्पन्न हुआ पूर्ण ही होना चाहिए। इसके लिये उपयुक्त बोध, साहस और कौशल प्राप्त…
मार्गशीर्ष मास का कल से प्रारम्भ हो जायेगा है. इसे प्राचीन काल में अग्रहायण कहते थे और ग्रामीण इसे अगहन का महीना कहते थे. इस महीने को अग्रहायण इसलिए कहते थे क्योंकि…
सुप्रसिद्ध अंग्रेज गायिका श्रीमती वाट्स हग्स एक बार अपने दरवाजे पर बैठी एक राग गा रही थीं जब जब वे राग गाते गाते तन्द्रित अवस्था (निमग्नता) की स्थिति अनुभव करतीं…
मासों में कार्तिक का महात्म्य सबसे ज्यादा है क्योकि इस महीने में भगवान विष्णु और देवगण चार महीने बाद पुन: पृथ्वी लोक में उपस्थित होते हैं. इस महीने से सारे…
वैदिक ज्योतिष में सकट योग एक बहुत बड़ा दुर्योग है. इस योग में जातक को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और धन की जिन्दगी भर समस्या बनी रह…