• February 10, 2022
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ये हैं कुछ प्रमुख अरिष्ट दशाएं जिनमें होती है हानि, मिलता है दुःख ही दुःख ..

जन्म कुंडली के अनुसार ही व्यक्ति को सुख-दुःख प्राप्त होते हैं। सब कुछ कर्मणा यथावत घटित होता रहता है। जन्म कुंडली को दैवज्ञ से दिखा कर, समय चक्र को समझकर…

  • February 10, 2022
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क्या है नीचाख्य पाताल योग? कुंडली में हो तो ये होता है !

भारतीय ज्योतिष में पाताल या हिबुक जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव को कहते हैं। पाताल यक्ष राज कुबेर की दिशा है। यह राक्षसों की भी दिशा है। आध्यात्म में पाताल…

  • February 9, 2022
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अगस्त्य तारा लग्न में उदित हो तो समस्त अरिष्टों का नाश करता है ..

अगस्त्य तारा, वशिष्ठ और अरुंधती तथा सप्तर्षि मंडल बहुत शुभ माने गये हैं और भारतीय ज्योतिष में बहुत महत्व रखते हैं। अरुंधती को अगस्त्य के पीछे चले जाने को महाभारत…

  • February 8, 2022
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गर्गाचार्य का धनेश की स्थिति के बारे में एक अकाट्य ज्योतिषीय सूत्र

गर्गाचार्य के ज्योतिषीय सूत्र संहिताओं में यत्रतत्र बिखरे हुए हैं।  कोई ऐसा आचार्य नहीं जिसने गर्गाचार्य के सूत्रों को उधृत न किया हो।  गर्गाचार्य ने किसी भाव के स्वामी की…

  • February 6, 2022
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जानें चन्द्रमा कब पीड़ित होता है ?

यदि जन्म नक्षत्र या लग्न नक्षत्र पीड़ित हो तो जातक को जीवन भर कष्ट प्राप्त होता है। शुक्र पीड़ित हो तो जातक का वैवाहिक जीवन तथा सुख खराब होता है,…

  • February 5, 2022
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गर्गाचार्य द्वारा श्री कृष्ण और बलराम का नामकरण

भारद्वाजवंशी गर्ग ऋषि भगवान विष्णु के परम भक्त हैं। भागवत पुराण में इन्हें महातपस्वी और यदुवंशियों का कुल पुरोहित बताया गया है –  गर्ग: पुरोहितो राजन यदुनाम सुमहातपा। श्रीकृष्ण वासुदेव…