• February 24, 2022
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ऋग्वेद-संहिता – प्रथम मंडल सूक्त 50

[ऋषि- प्रस्कण्व काण्व । देवता – सूर्य (११-१३ रोगघ्न उपनिषद)। छन्द – गायत्री, १०-१३ अनुष्टुप् ] ५८७.उदु त्यं जातवेदसं देवं वहन्ति केतवः । दृशे विश्वाय सूर्यम् ॥१॥ ये ज्योतिर्मयी रश्मियाँ सम्पूर्ण…

  • February 24, 2022
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आदित्यह्रदय स्त्रोत्र: भविष्य पुराणोक्त

आदित्यह्रदय स्त्रोत्र के कई रूप मिलते हैं जो भविष्योत्तर पुराण, पद्म पुराण, भविष्य पुराण और वाल्मीकि रामायण में उपलब्ध हैं।  निम्नलिखित स्तोत्र भविष्यपुराण में प्राप्त होता है। यह स्तोत्र काफी…

  • February 23, 2022
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आज ही प्रकट हुई थीं जनकनंदिनी माता सीता, जानें क्या है इस दिन का महत्व !

पुराणों के अनुसार पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे,…

  • February 23, 2022
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इस दिन हुआ था भगवान शिव-माता पार्वती का गौना, मनी थी रंगभरी एकादशी

तिथियों में एकादशी तिथि का सम्बन्ध भगवान विष्णु से है, त्रयोदशी का सम्बन्ध भगवान शिव से है लेकिन एक एकादशी है जिसका सम्बन्ध भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती से भी…

  • February 22, 2022
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काल निर्धारण शास्त्र है ज्योतिष, प्रयोजन है आयुष्य और लोकयात्रा

ज्योतिष शास्त्र काल निर्धारण शास्त्र है इसलिए यह एक प्रत्यक्ष शास्त्र है। इसका प्रयोजन बताते हुए महर्षि पराशर ने मैत्रेय से कहा है कि आयुष्य और लोकयात्रा इसका प्रमुख प्रयोजन…

  • February 16, 2022
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नवग्रहों की आरती

आरती श्री नवग्रहों की कीजै। बाध, कष्ट, रोग, हर लीजै।। सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर। जाकी कृपा कबहुत नहिं छीजै।। रुप चंद्र शीतलता लायें। शांति स्नेह सरस रसु भीजै।। मंगल…