• July 2, 2023
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A poem on Mount Kagu

Descended from heaven is Sacred Mount Kagu where Mists arise When the spring does come, The wind through the pines Raises waves from pond waters, and Cherry blossom’s Profusion shades…

  • June 29, 2023
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तुलसीदास: श्री गणेश – स्तुति

गाइये गनपति जगबंदन। संकर सुवन भवानी नंदन।1। सिद्धि- सदन, गज बदन,बिनायक। कृपा सिंधु, सुंदर, सब लायक।2। मोदक-प्रिय , मुद मंगल-दाता। बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता।3। मांगत तुलसिदास कर जोरे। बसहिं रामसिय मानस मोरे।4।

  • June 29, 2023
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तुलसीदास की सूर्य स्तुति

दीन दयालु दिवाकर देवा। कर मुनि, मनुज, सुरासुर सेवा।।1 हिम तम-करि-केहरि करमाली। दहन दोष दुख दुरित रूजाली।2। कोक कोकनद लोक प्रकासी। तेज प्रताप रूप् रस-रासी।3। सारथि-पंगु, दिब्य रथ गामी। हरि…

  • June 29, 2023
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किरन-धेनुएँ / नरेश मेहता

उदयाचल से किरन-धेनुएँ हाँक ला रहा वह प्रभात का ग्वाला। पूँछ उठाए चली आ रही क्षितिज जंगलों से टोली दिखा रहे पथ इस भूमा का सारस, सुना-सुना बोली गिरता जाता…

  • June 29, 2023
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सबका अपना-अपना वृक्षत्व है ।

वृक्षत्व माधवी के नीचे बैठा था कि हठात् विशाखा हवा आयी और फूलों का एक गुच्छ मुझ पर झर उठा; माधवी का यह वृक्षत्व मुझे आकण्ठ सुगंधित कर गया ।…

  • June 29, 2023
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पुरुष

हमें जन्म देकर ओ पिता सूर्य ! ओ माता सविता ! क्या इसलिए तुम मार्तण्ड हो कि अब तुम प्रकाश के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं जन्म दे सकते ? मैं जानता हूँ…