A poem on Mount Kagu
Descended from heaven is Sacred Mount Kagu where Mists arise When the spring does come, The wind through the pines Raises waves from pond waters, and Cherry blossom’s Profusion shades…
162
340
169
408
128
121
102
1293
47
98
Descended from heaven is Sacred Mount Kagu where Mists arise When the spring does come, The wind through the pines Raises waves from pond waters, and Cherry blossom’s Profusion shades…
गाइये गनपति जगबंदन। संकर सुवन भवानी नंदन।1। सिद्धि- सदन, गज बदन,बिनायक। कृपा सिंधु, सुंदर, सब लायक।2। मोदक-प्रिय , मुद मंगल-दाता। बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता।3। मांगत तुलसिदास कर जोरे। बसहिं रामसिय मानस मोरे।4।
दीन दयालु दिवाकर देवा। कर मुनि, मनुज, सुरासुर सेवा।।1 हिम तम-करि-केहरि करमाली। दहन दोष दुख दुरित रूजाली।2। कोक कोकनद लोक प्रकासी। तेज प्रताप रूप् रस-रासी।3। सारथि-पंगु, दिब्य रथ गामी। हरि…
उदयाचल से किरन-धेनुएँ हाँक ला रहा वह प्रभात का ग्वाला। पूँछ उठाए चली आ रही क्षितिज जंगलों से टोली दिखा रहे पथ इस भूमा का सारस, सुना-सुना बोली गिरता जाता…
वृक्षत्व माधवी के नीचे बैठा था कि हठात् विशाखा हवा आयी और फूलों का एक गुच्छ मुझ पर झर उठा; माधवी का यह वृक्षत्व मुझे आकण्ठ सुगंधित कर गया ।…
हमें जन्म देकर ओ पिता सूर्य ! ओ माता सविता ! क्या इसलिए तुम मार्तण्ड हो कि अब तुम प्रकाश के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं जन्म दे सकते ? मैं जानता हूँ…