ज्योतिष से करें वास्तु सम्बन्धी दोषों का निवारण
भारत में ज्योतिष शास्त्र का प्रयोग वास्तु सम्बन्धी दोषों के निवारण के लिए प्राचीन काल से होता आ रहा है. वैदिक काल में वास्तु के अनेक सन्दर्भ मिलते हैं, रामायण…
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भारत में ज्योतिष शास्त्र का प्रयोग वास्तु सम्बन्धी दोषों के निवारण के लिए प्राचीन काल से होता आ रहा है. वैदिक काल में वास्तु के अनेक सन्दर्भ मिलते हैं, रामायण…
यज्ञ द्वारा ग्रह शान्ति के उपाय में हर ग्रह के लिए अलग अलग नौ ग्रहों विशिष्ट समिधायें (हवन प्रकाष्ठ) प्रयोग की जाती है, जैसा निम्र श्लोक में वर्णित है- अर्क:…
ज्योतिषशास्त्र (Astrology) में शुक्र नैसर्गिक धन कारक और दारा कारक माना गया है. शुक्र को भौतिक सुख और विलासिता का कारक माना जाता है. शुक्र ग्रह (Venus) को मजबूत करने धन, यश, ऐश्वर्य एवं सभी…
The position and influence of Rahu and Ketu in individual’s birth chart are determined by their placement in houses, their relationship mainly aspect and conjunction with other planets. Rahu is…
हिंदू पंचांग की चौदवीं तिथि को चतुर्दशी कहा जाता है। गर्ग संहिता में इस तिथि का नाम करा भी है, क्योंकि इस तिथि पर शुभ कार्यों का प्रारम्भ करना सर्वथा…
हिर॑ण्यशृङ्गं॒-वँरु॑णं॒ प्रप॑द्ये ती॒र्थं मे॑ देहि॒ याचि॑तः । य॒न्मया॑ भु॒क्तम॒साधू॑नां पा॒पेभ्य॑श्च प्र॒तिग्र॑हः । यन्मे॒ मन॑सा वा॒चा॒ क॒र्म॒णा वा दु॑ष्कृतं॒ कृतम् । तन्न॒ इन्द्रो॒ वरु॑णो॒ बृह॒स्पतिः॑ सवि॒ता च॑ पुनन्तु॒ पुनः॑ पुनः ।…