श्रीचामुण्डा स्तुतिः
जयस्व देवि चामुण्डे जय भूताऽपहारिणि । जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते ॥ १॥ विश्वमूर्तियुते शुद्धे विरूपाक्षी त्रिलोचने । भीमरूपे शिवे विद्ये महामाये महोदरे ॥ २॥ मनोजये मनोदुर्गे भीमाक्षि क्षुभितक्षये…
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जयस्व देवि चामुण्डे जय भूताऽपहारिणि । जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते ॥ १॥ विश्वमूर्तियुते शुद्धे विरूपाक्षी त्रिलोचने । भीमरूपे शिवे विद्ये महामाये महोदरे ॥ २॥ मनोजये मनोदुर्गे भीमाक्षि क्षुभितक्षये…
उपनिषद में आख्यान है कि एक शिष्य गुरु के समीप उपनिषद हुआ और उसने उनसे पूछा गुरु देव “ब्रह्म क्या है ?” गुरु मौन रहे, शिष्य ने फिर पूछा, गुरुदेव…
गोभिः श्रीणीत मत्सरम ..ऋग्वेद जहाँ तक सूर्य की रश्मियाँ हैं वहां तक गौ ही है । ऋग्वेद का यह मानना है कि जो कुछ भी गौ से सम्बंधित है वह…
“Active love is labor and perseverance, and for some people, perhaps, a whole science” — Fyodor Dostoevsky,The Brothers Karamazov The more you succeed in loving, the more you’ll be convinced of…
(1) O you, with a nature of good qualities, who’ve become worthy through constructive deeds, please listen to these (verses) in noble meter, which I’ve compiled in short for the sake…
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि, बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥1॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार, बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु…