• August 22, 2023
  • 1 minute Read
मन की अमनस्क अवस्था ही ईश्वर का अर्घ्य है

सदामनस्कमर्घ्यम् भगवान की पूजा में षोडश उपचारों में अर्घ्य भी एक उपचार है, पाद्य प्रदान करने के बाद देवता को अर्घ्य प्रदान करना चाहिए। यहाँ आत्म पूजा के प्रकरण में…

  • August 22, 2023
  • 1 minute Read
आदि शंकराचार्य ने नहीं लिखा था देव्यापराध क्षमापन स्तोत्र

देव्यापराध क्षमापन स्तोत्र को सभी हिन्दू आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित जानते हैं. ज्यादातर हिन्दू धर्मान्ध हैं और कम ही पढ़ते हैं. देव्यापराध क्षमापन स्तोत्र वस्तुत:  उनके द्वारा लिखित स्तोत्र नहीं…

  • August 21, 2023
  • 1 minute Read
बलहीन, पाप-क्रूर ग्रहों से प्रभावित चन्द्रमा का फल

जन्मकुंडली में चन्द्रमा जैसा होता है वैसा ही उसका फल होता है. चन्द्रमा के खराब स्थितियों में उसकी राशि अंशों में स्थिति, तिथि, बल, क्रूर पाप ग्रहों युति, दृष्टि इत्यादि…

  • August 21, 2023
  • 1 minute Read
मन्त्र के देवता से कब मिलता है लाभ !

मन्त्र विद्या एक गुप्त विज्ञान है. जिस तरह आधुनिक विज्ञान में किसी देश की सरकार परमाणु बम की तकनीकी या कोई भी प्रभावशाली तकनीकी को गुप्त रखती है उसी तरह…

  • August 21, 2023
  • 1 minute Read
Nagchndreshwara Temple

 Ujjain has been the center of Shaivism since ages. In Ujjain in the same premise of Mahakaleshwar Shiva temple there is Nagchndreshwara temple known for its uniqueness. It is believed…

  • August 20, 2023
  • 0 minutes Read
अथ अर्गलास्तोत्रं

श्रीचण्डिकाध्यानम् ॐ बन्धूककुसुमाभासां पञ्चमुण्डाधिवासिनीम् । स्फुरच्चन्द्रकलारत्नमुकुटां मुण्डमालिनीम् ॥ त्रिनेत्रां रक्तवसनां पीनोन्नतघटस्तनीम् । पुस्तकं चाक्षमालां च वरं चाभयकं क्रमात् ॥ दधतीं संस्मरेन्नित्यमुत्तराम्नायमानिताम् । अथवा या चण्डी मधुकैटभादिदैत्यदलनी या माहिषोन्मूलिनी या धूम्रेक्षणचण्डमुण्डमथनी…