 
									ड्रग जब ब्रेन में चढ़ जाता है तब मनुष्य इस तरह की हरकत करने लगता है. श्री श्री रविशंकर जैसे ठग इसी तरह से जनता को उल्लू बनाते है. ये धूर्त आध्यात्मिक तो एकदम नहीं है क्योंकि कोई आध्यात्मिक व्यक्ति हिंसा, घृणा और विद्वेष का समर्थन नहीं करता. रविशंकर तो हिंदुत्व फासिज्म का घोर समर्थक और प्रचारक भी है.


 
					 
					 
																			 
																			 
																			 
																			 
																			 
																			 
																			