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हिंदुत्व राहु शासित है इसलिए इस रिजीम में सभी अमानवीय, अधर्म के कार्य हो रहे हैं. मन्दिर के नाम पर जनता को बरगला कर वास्तव में यह रिजीम पूरी तरह अधर्म का विस्तार कर रही है. हिंदुत्व शासन में न केवन देश का घोर नैतिक पतन हुआ है बल्कि समाज में जूर्म की प्रवृत्ति बहुत तेजी से बढ़ी है. हिंदुत्व नेता नरेंद्र मोदी झूठ और अधर्म का पुलिंदा है, यह न धर्म को मानता है और न किसी नियम कानून को मानता है. सम्विधान की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही हैं और जनता का हर तरह से दमन किया जा रहा है. विपक्ष को प्रताणित करने की सभी सीमाएं पार की जा चुकी हैं. आरएसएस के बजरंग दल के ही नेता गौरक्षा करने के नाम पर गौकशी करते पकड़े जा रहे हैं.

भारत में महिलाओं पर दमन और अत्याचार कई स्तर पर कई गुना बढ़ा है. भारत में बेटियों की सुरक्षा गंभीर मुद्दा है. “या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता” बोलने वाले और “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:” कहने वाले धर्म प्रधान देश में बलात्कार करने वालों का संरक्षण किया जाता है. वर्तमान में हिंदुत्व का पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं ब्लात्कारियों को प्रोटेक्ट करता है और हिंदुत्व समर्थक सोशल मीडिया पर “वी स्टैंड विद ” करके ट्रेंड करते हैं. हिंदुत्व सोशल मीडिया पर आवाज उठाने वाली महिलाओ को बलात्कार की धमकी देते हैं.

देश में लड़कियों के लापता होने के मामले खतरनाक की हद तक बढ़ गये हैं. किसी की बेटी-बहन सुरक्षित नहीं हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने  इस पर आंकड़ा पेश किया था जिसके अनुसार भारत में साल 2019 से 2021 यानी दो साल के बीच 13.13 लाख से ज्यादा लड़कियां और महिलाएं लापता हुईं हैं.

ये महिलाएं कहां गई, इनके साथ क्या हुआ, इसके बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता है. इन लापता लड़कियों में 18 साल से कम और उससे ज्यादा दोनों उम्र की महिलाएं शामिल है. आंकड़ों के अनुसार जहां 2,51,430 लापता लड़कियों की उम्र 18 साल से कम है तो वहीं 10,61,648 महिलाओं की उम्र 18 साल से ज्यादा है. इन महिलाओं में सबसे ज्यादा भाजपा शासित राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में गायब हुई हैं. गुजरात में अकेले 5 साल में 40 हजार महिलाएं गायब हुई हैं. पश्चिमी दुनिया में लोग एक उल्लू के गायब होने पर चिंतित हो जाते हैं और भारत में मोदी रिजीम में 13 लाख महिलाएं गायब हुई हैं लेकिन कोई चिंता न तो धर्म गुरुओं को है और न सरकार को ही है.

धर्म का ढकोसला, मिथ्याचार करते रहना और अधर्म करते रहना बल्कि अधर्म का ही प्रचार करना, उसे समर्थन देना; भारत का वर्तमान समय में धर्म रह गया है. हिन्दू समाज की असम्वेदनशीलता बढ़ गई है जिस कारण अधर्म भी तेजी से बढ़ा है. धर्म की पहली शर्त है कि व्यक्ति सम्वेदनशील हो, मैत्री, करुणा, दया इत्यादि मानवीय गुणों को धारण करे. इनके बगैर जो कुछ भी है वह अधर्म है. भगवान बुद्ध ने धम्मपद में धम्म का उपदेश किया था, उसमे धम्म के पद है. धर्म बिना नैतिक मूल्यों के सम्भव ही नहीं है.