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कौन कहता है
खत्म हो जायेगा सब कुछ,
कौन जाने!

शायद होमा पक्षी की वह परवाज
तुमने जिसे जख्म दिए
बची रह जायेगी,
शायद वो फूल बचे रह जायेंगे
और अपनी धरती पर
हमारा वो प्यार !

वो इशारे शाश्वत न भी रहें
लेकिन ये हमें देवविग्रह बनाएंगे
हृदय से पांव तक,
और पवित्र होगा हमारा
जीवन-संगीत
इतना कि हमारे बाद,
कोई देवदूत इसे गायेगा.

-राजेश शुक्ला “गर्ग”