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सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है. सभी धर्म कर्म में पहले गणपति की पूजा की परम्परा है. गणेश जी विघ्नेश्वर हैं इसलिए कार्य की सफलता के लिए इनकी पूजा की जाती है. धर्म ग्रन्थों में कहा गया है कि जो व्यक्ति प्रत्येक दिन भगवान गणेश की उपासना करता है उनके सभी विघ्न खत्म हो जाते हैं और उन्हें सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है. हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी गणेश की उपासना के लिए बनाई गई है. चतुर्थी व्रत को हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. सभी पांच प्रमुख वैदिक देवताओं को समर्पित तिथियाँ महत्वपूर्ण हैं. गणपति की उपासना का सम्प्रदाय गाणपत्य सम्प्रदाय है. इस वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 10 जून को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा.

मुहूर्त-

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून दोपहर 03:44 पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 10 जून शाम 04:14 पर होगा. उदय तिथि की मान्यता है इसलिए विनायक चतुर्थी व्रत 10 जून 2024, सोमवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन पुष्य नक्षत्र भी है इसलिए यह चतुर्थी काफी शुभ है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहा है जो सुबह 05:19 से रात्रि 09:40 तक रहेगा. इन सभी मुहूर्त को पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.

चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश की विधिवत शास्त्रानुसार उपासना करना चाहिए. शास्त्रविहित पूजा ही देवताओं को प्राप्त होती है. मन्त्रविहीन पूजा नहीं करनी चाहिए. गणेश जी के ॐ गं गणेशाय नम: इसी मन्त्र से उनकी समस्त पूजा कर लेनी चाहिए. गणेश जी बल, बुद्धि, विद्या और धन के देवता हैं. इन्हें यक्ष राज भी कहा जाता है. इनका व्रत पूर्वक दोनों चतुर्दशी में पूजा करने वाला सभी सुखों को प्राप्त करता है.