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बृहस्पति के परिभ्रमण के आधार पर सम्वत्सर चक्र बनाया गया है. संवत्सर का यह चक्र आकाश में बृहस्पति और शनि की सापेक्ष स्थिति पर आधारित है. बृहस्पति और शनि की 12 राशियों में भ्रमण की अवधि क्रमशः लगभग 12 और 30 सौर वर्ष है. इन दो कक्षीय अवधियों में से कम से कम सामान्य गुणक 60 सौर वर्ष है. हर साठ साल में, दोनों ग्रह लगभग एक ही नक्षत्र में समान अंशों पर स्थित होते हैं, जहां उन्होंने 60 साल पहले शुरू किया था, इस प्रकार एक साठ साल का चक्र बनता है. एक सम्वत्सर चक्र के पूरा होने पर सृष्टि में महती परिवर्तन देखे जाते हैं. 

बृहस्पति राशि चक्र का एक चक्र 12 साल में पूरा करता है, बृहस्पति की ऐसी पाँच परिक्रमाएँ ( 12 गुणा 5 = 60 संवत्सर) को संवत्सर चक्र कहा जाता है. साठ संवत्सरों को 20-20 के तीन समूहों में विभाजित किया गया है. प्रभव से व्यय तक के पहले 20 संवत्सर ब्रह्मा द्वारा शासित हैं. सर्वजित से परभव तक के अगले 20 संवत्सर विष्णु द्वारा शासित हैं और अंतिम 20 शिव द्वारा शासित है. सम्वत्सर व्यष्टिगत और समष्टिगत दोनों ही दृष्टि से देखा जाता है. जातक जिस संवत्सर में जन्म लेता है उसके अनुसार उसका स्वभाव होता है और उसके जीवन में घटनाये घटती है. जातक के एक सम्वत्सर चक्र के पूरा होने पर शनि भी राशि चक्र में दो चक्र पूरा करता है. पश्चिम के ज्योतिषी शनि के चक्र को शनि रिटर्न कहते हैं. चूँकि सम्वत्सर चक्र बृहस्पति और शनि के परिभ्रमण पर आधारित है इसलिए 60 वर्ष पर सम्वत्सर चक्र पूरा होने के बाद मनुष्य वृद्धावस्था में प्रविष्ट होता है और शनि जीवन में प्रमुख रूप से प्रभावी हो जाता है. सम्वत्सर चक्र निम्नलिखित है-

क्रमांकनामवर्तमान चक्रपूर्व चक्र 1
1प्रभव1974-1975ई.1914-1915
2विभव1975-1976ई.1915-1916 ई.
3शुक्ल1976-1977 ई.1916-1917 ई.
4प्रमोद1977-1978 ई.1917-1918 ई.
5प्रजापति1978-1979 ई.1918-1919 ई.
6अंगिरा1979-1980 ई.1919-1920 ई.
7श्रीमुख1980-1981 ई.1920-1921 ई.
8भाव1981-1982 ई.1921-1922 ई.
9युवा1982-1983 ई.1922-1923 ई.
10धाता1983-1984 ई.1923-1924 ई.
11ईश्वर1984-1985ई.1924-1925 ई.
12बहुधान्य1985-1986 ई.1925-1926 ई.
13प्रमाथी1986-1987 ई.1926-1927 ई.
14विक्रम1987-1988ई.1927-1928 ई.
15वृषप्रजा1988-1989 ई.1928-1929 ई.
16चित्रभानु1989-1990 ई.1929-1930 ई.
17सुभानु1990-1991 ई.1930-1931 ई.
18तारण1991-1992 ई.1931-1932 ई.
19पार्थिव1992-1993 ई.1932-1933 ई.
20अव्यय1993-1994 ई.1933-1934 ई.
21सर्वजीत1994-1995 ई.1934-1935 ई.
22सर्वधारी1995-1996 ई.1935-1936 ई.
23विरोधी1996-1997 ई.1936-1937 ई.
24विकृति1997-1998 ई.1937-1938 ई.
25खर1998-1999 ई.1938-1939 ई.
26नंदन1999-2000 ई.1939-1940 ई.
27विजय2000-2001 ई.1940-1941 ई.
28जय2001-2002 ई.1941-1942 ई.
29मन्मथ2002-2003 ई.1942-1943 ई.
30दुर्मुख2003-2004 ई.1943-1944 ई.
31हेमलंबी2004-2005 ई.1944-1945 ई.
32विलंबी2005-2006 ई.1945-1946 ई.
33विकारी2006-2007 ई.1946-1947 ई.
34शार्वरी2007-2008 ई.1947-1948 ई.
35प्लव2008-2009 ई.1948-1949 ई.
36शुभकृत2009-2010 ई.1949-1950 ई.
37शोभकृत2010-2011 ई.1950-1951 ई.
38क्रोधी2011-2012 ई.1951-1952 ई.
39विश्वावसु2012-2013 ई.1952-1953 ई.
40पराभव2013-2014 ई.1953-1954 ई.
41प्ल्वंग2014-2015ई.1954-1955 ई.
42कीलक2015-2016 ई.1955-1956 ई.
43सौम्य2016-2017 ई.1956-1957 ई.
44साधारण2017-2018 ई.1957-1958 ई.
45विरोधकृत2018-2019 ई.1958-1959 ई.
46परिधावी2019-2020 ई.1959-1960 ई.
47प्रमादी2020-2021 ई.1960-1961 ई.
48आनंद2021-2022 ई.1961-1962 ई.
49राक्षस2022-2023 ई.1962-1963 ई.
50आनल2023-2024 ई.1963-1964 ई.
51पिंगल2024-2025 ई.1964-1965 ई.
52कालयुक्त2025-2026 ई.1965-1966 ई.
53सिद्धार्थी2026-2027 ई.1966-1967 ई.
54रौद्र2027-2028 ई.1967-1968 ई.
55दुर्मति2028-2029 ई.1968-1969 ई.
56दुन्दुभी2029-2030 ई.1969-1970 ई.
57रूधिरोद्गारी2030-2031 ई.1970-1971 ई.
58रक्ताक्षी2031-2032 ई.1971-1972 ई.
59क्रोधन2032-2033 ई.1972-1973 ई.
60क्षय2033-2034 ई.1973-1974 ई.