
महादशा का फल कैसा होगा इसके लिए अनेक विधियाँ है. यहाँ एक सामान्य विधि बताई जा रही है जो बहुत पापुलर नहीं है. दशाओं के 9 वाहन होते हैं इन वाहनों के स्वभाव के अनुसार मोटा मोटा फल कहा गया है. यह उसी प्रकार का है जैसे संक्रांति का वाहन, सम्वत्सर का वाहन इत्यादि देखा जाता है.
महादशाओं के ये 9 वाहन हैं – 1-गर्दभ 2-घोडा 3-हाथी 4-महिष 5-श्रृंगाल 6-सिंह 7-कौआ 8-हंस 9-मोर
दशा का वाहन कौन है? यह निकालने के लिए अपने जन्म नक्षत्र से महादशा के प्रारम्भ के समय का नक्षत्र अर्थात दशा प्रवेश नक्षत्र देखें और जन्म नक्षत्र से दशा प्रवेश नक्षत्र तक गिनें, जो संख्या आये उस संख्या में 9 का भाग दे दे. जो शेष बच गया उसी के अनुसार वाहन होता है. नीचे संख्या और वाहन दिया गया है-
वाहन का फल निम्नलिखित है –
1-गर्दभ – गर्दभ महादशा का वाहन हो तो उस दशा में जातक जड़मति, निर्ल्लज, धन धन्य वाहन इत्यादि से हीन होता है
2-घोडा -व्यक्ति घुमने वाला, सक्रिय, बहुभोजी, दृढ़काय, निरंतर कार्यरत और गाजे बाजे से युक्त सेना का सेनापति होता है अर्थात कर्म क्षेत्र में लीडर बन जाता है.
3-हाथी – गज वाहन हो तो अनेक कार्य करने वाला, प्रमुख, वहानादी से युक्त, संतप्त, मान सम्मान से युक्त, अच्छे चाल चलन वाला, नेतृत्व करने वाला होता है. सभी सुख भोगने वाला, आभूषण धारण करने वाला तथा भाग्यशाली होता है.
4-महिष- यदि महिष वाहन हो तो बल बुद्धि से हीन, विजय से हीन, अग्नि भय से पीड़ित, गाड़ी से जीविका चलाने वाला, और बलवान होता है
5-श्रृंगाल- सियार वाहन हो तो उस दशा में जातक उद्विग्न, अनेक व्याधि कष्ट से युक्त स्त्री का स्वामी, अनेक कष्ट से युक्त, शत्रु से पीड़ित, अनेक भोग भोगने वाला, लाभ का क्षय करने वाला, अन्न वस्त्रादि के व्यापार में हानि वाला होता है.
6-सिंह – सिंह वाहन हो तो जातक बलवान, शत्रुओं का नाश करने वाला, स्वर्णादि की प्राप्ति करने वाला होता है.
7-कौआ- कौआ वाहन हो तो चांचल्य, निर्भयता, चर्मरोग, मालिन्य, तथा नीच जनों से पूजित, राज भय, मान अपमान भोगने वाला, दुष्ट जनों से पीड़ित, विवादी, कुचेष्टा से पूर्ण और स्त्रीद्रोही होता है.
8-हंस – यदि दशा वाहन हंस हो तो वह कलाओं की सिद्धि करने वाला, क्रीडा में संलग्न, कामी, ब्राह्मणों से सम्मानित, सुंदर भोजन करने वाला, बैधिक विकास करने वाला और सज्जनों की संगति में रहने वाला होता है.
9-मोर- मयूर दशा वाहन हो तो अनेक सुख से पूर्ण, धैर्यवान, कलाकुशल, यज्ञ करने वाला , मधुरभाषी, मधुर प्रिय और श्रेष्ठ लोगों के बीच रहने वाला होता है.
ये फल सन्दर्भ के अनुसार देखें .