Spread the love

चन्द्र देव को प्रसन्न करने के लिए नीचे मन्त्र दिए जा रहे हैं जो प्रचलन में हैं. इन मन्त्रों का निश्चित संख्या में जप करना चाहिए. चन्द्र मंत्र का जाप कम से कम 11000 है बाकि अधिकस्य अधिकं फलम्. वैदिक मन्त्र का आम जन स्वर के साथ उच्चारण नहीं कर सकते, इसलिए बेहतर है नीचे दिए गये बीज मन्त्र वाले मन्त्र का ही जप करें. इस ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: मन्त्र का जप बेहतर परिणाम देता. इसकी जप संख्या ग्यारह है. जप सदैव शुक्ल पक्ष में करें और प्रारम्भ चन्द्र नक्षत्र में करें. ..

चन्द्रमा का नाम मंत्र –
* ॐ सों सोमाय नम:।

चंद्रमा गायत्री मंत्र –

* ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।

चंद्रमा का पौराणिक श्लोक जिसे पूजा में ध्यान श्लोक के रूप में सकते हैं –

* दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम् ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।

चन्द्रमा के तांत्रोक्त मंत्र –

* ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
* ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
* ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।
* चन्द्रमा के लिए लक्ष्मी, श्रीविद्या षोडशी, कामेश्वर की उपासना शुभ रहती है.
चन्द्रमा का वैदिक मंत्र – 
* ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।

जप के बाद इस स्तोत्र का पाठ करें –

चन्द्रमस: स्तोत्रं
ॐ श्वेताम्बर:श्वेतवपु: किरीटी श्वेतधुतिर्दणडधरोद्विबाहु:।
चन्द्रोऽम्रतात्मा वरद: शशाऽक: श्रेयांसि महं प्रददातु देव: ।।1।।
दधिशंखतुषाराभंक्षीरोदार्णव सम्भवम्।
नमामि शशिनंसोमंशम्भोर्मुकुटभूषणम् ।।2।।
क्षीरसिन्धुसमुत्पन्नो रोहिणीसहित: प्रभुः।
हरस्य मुकटावास बालचन्द्र नमोस्तु ते ।।3।।
सुधामया यत्किरणा: पोषयन्त्योषधीवनम्।
सर्वान्नरसहेतुंतं नमामि सिन्धुनन्दनम् ।।4।।
राकेशं तारकेशं च रोहिणी प्रियसुन्दरम्।
ध्यायतां सर्वदोषघ्नं नमामीन्दुं मुहुर्मुह: ।।5।।

॥इति मन्त्रमहार्णवे चन्द्रमस: स्तोत्रं सम्पूर्णं॥