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भगवान विष्णु के दस अवतारों में दूसरे कूर्म अवतार का प्राकट्य वैशाख पूर्णिमा को हुआ था. कूर्म अवतार को ‘कच्छप अवतार’ भी कहते हैं. कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने लोक कल्याण के लिए क्षीरसागर के समुद्रमंथन के समय मंदार पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था. कूर्म अवतार का वर्णन सृष्टि के प्रारम्भ के समय के वर्णन में शतपथ ब्राह्मण में भी किया गया है. कुछ बाद में लिखे गये पुराणों में कूर्म अवतार को ग्यारहवां अवतार माना गया है. दशावतार वर्णन में इन्हें दूसरा अवतार ही कहा गया है –

क्षितिर् इह विपुलतरे तिष्ठति तव पृष्ठे !
धरणि-धारण-किण चक्र-गरिष्ठे
केशव धृत-कूर्म-शरीर जय जगदीश हरे॥

इस बार वैशाख माह में पूर्णिमा 23 मई को है और इस दिन ही भगवान कूर्म की पूजा होगी. वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, ईष्ट की पूजा और जप-तप करने से घर में सुख- समृद्धि आती है. इस दिन व्रत पूर्वक भगवान विष्णु की कूर्म अवतार की पूजा लक्ष्मी सहित करना चाहिए इससे दोनों की प्रसन्नता होती है और समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है. इस दान का भी बहुत महात्म्य बताया गया है इसलिए दान धर्म को भी जरुर पूरा करना चाहिए. दान सर्वश्रेष्ठ धर्म है.

पूजा मुहूर्त –

पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा 22 मई 2024 को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और 23 मई 2024 को रात 07 बजकर 22 मिनट पर इसका समापन होगा. अतः: कूर्म जयंती बृहस्पतिवार 23 मई 2024 को मनाई जाएगी. गुरुवार पड़ने से यह दिन अत्यंत शुभ है.