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हिंदू धर्म में जहां चातुर्मास्य की शुरुआत देवशयनी (देशज भाषा में देवसोनी) एकादशी से होती है, वहीं चातुर्मास्य का समापन देवउठनी या देवोत्थान एकादशी को होता है. चातुर्मास्य के दौरान सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, जनेऊ संस्कार आदि नहीं किये जाते हैं. सभी शुभ कार्यों की शुरुआत देवोत्थान एकादशी से शुरू हो जाता है. इस साल चातुर्मास्य (Chaturmas 2023) 30 जून, 2023 को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) के साथ शुरू हुआ था, इस दिन भगवान विष्णु निद्रा में चले गये थे.

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल देवउठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस साल देवउठनी एकादशी 23 नवंबर 2023 को है और इसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है. द्वादशी तिथि 23 नंवबर 2023 दिन गुरुवार को शाम 5 बजकर 09 मिनट पर शुरु होगी, जिसका समापन 24 नंवबर 2023 दिन शुक्रवार को शाम 7 बजकर 45 मिनट पर होगा. 

तुलसी विवाह 24 नवंबर, 2023, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. आप अपने घर पर शालिग्राम अथवा विष्णु मूर्ति और तुलसी जी का विवाह आयोजन कर सकते हैं. ऐसा करने आपके घर मे सुख -समृद्धि आएगी. जिनकी शादी नहीं हो रही है उनको यह आयोजन करना चाहिए, इससे उनके शादी के रस्ते खुल जायेंगे.

तुलसी विवाह मुहूर्त –

तुलसी विवाह के लिए अभिजीत मुहूर्त 24 नंवबर 2023, शुक्रवार की सुबह 11:43 मिनट से लेकर दोपहर 12:26 मिनट तक रहेगा.

तुलसी विवाह के लिए विजय मुहूर्त 24 नवंबर 2023, शुक्रवार की दोपहर 1: 54 मिनट से दोपहर 2 :38 मिनट तक रहेगा.

इन दोनों शुभ मुहूर्त में भगवान शालिग्राम, विष्णु-कृष्ण विग्रह और माता तुलसी का विवाह रचाना बहुत शुभ फल देगा.