सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय परिघटना है. इस वर्ष होली के बाद साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 चैत्र अमावस्या के दिन लगने वाला है. इस दिन शनि का महत्वपूर्ण गोचर भी है. यह एक आशिंक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा और ना ही इसका सूतक काल मान्य होगा. इस साल 2025 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे, जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण शामिल हैं. पहला चंद्र ग्रहण होली पर 14 मार्च को होगा, जबकि अंतिम ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा. होली पर लगने वाला चन्द्र ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा. यह एक “ब्लड मून”चन्द्र ग्रहण है जिसका विशेष खगोलीय महत्व है.
ऐतिहासिक रूप से मार्च महीना “विषुव प्रभाव” के कारण एक अच्छा महीना है. 20 मार्च को वसंत विषुव के करीब आने पर, पृथ्वी की धुरी सूर्य के लंबवत होती है. इस दौरान, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र थोड़ा कमजोर हो जाता है, जिससे सोलर फ्लेयर चुंबकीय क्षेत्र के साथ अधिक सीधे संपर्क कर पाती है. एक अन्य कारक रसेल-मैकफेरॉन प्रभाव है, जिसके तहत पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की ज्यामिति और सौर हवा का चुंबकीय क्षेत्र विपरीत बार मैग्नेट के रूप में कार्य करते हैं, जो एक दूसरे को आकर्षित करते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, इस दौरान पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में दरारें खुल जाती हैं जो सूर्य से अधिक आवेशित कणों को अंदर आने देते हैं. ग्रहण में सौर फ्लेयर्स या कोरोनल मास इजेक्शन – बादलों के आवेशित कणों को पृथ्वी की ओर भेजते हैं. हर 11-वर्ष के सौर चक्र में सोलर फ्लेयर का एक बड़ा तूफान आता है. यह वर्ष यदि किसी सूर्य ग्रहण के समय हो तो सूर्य के बहुत सारे रहस्य उजागर हो सकते हैं. वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण उपयोग इस प्रकार के अध्ययन में करते हैं.
ज्योतिष में भी सूर्यग्रहण का महत्व है लेकिन इसे अशुभ कोटि में माना गया है. ग्रहण में जन्म का फल अशुभ बताया गया है. हलांकि इस विषय में जातकों का ज्यादा डेटा उपलब्ध नहीं है. ग्रहण के दौरान मन्दिरों के कपाट बंद होते हैं और पूजा पाठ नहीं किया जाता लेकिन अनेक ग्रन्थ इस काल में कुछ साधना या जप आदि को फलदायक मानते हैं. कुछ मन्त्रों की सिद्धि ग्रहण काल में ही की जाती है.
भारतीय समयानुसार ग्रहण का समय- पूर्ण चंद्र ग्रहण की शुरुआत 14 मार्च 2025 को प्रातः 10 बजकर 39 मिनट 3 सेकेंड पर होगी और ग्रहण 2 बजकर 18 मिनट 2 सेकेंड पर खत्म होगा. 29 मार्च को लगने वाला आंशिक सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगा. ये चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेंगे इसलिए यहाँ सूतक मान्य नहीं होगा.
यह पूर्ण चन्द्र ग्रहण कैसाब्लांका, डबलिन, लिस्बन, होनोलूलू, सो पाउलो, ब्यूनस आयर्स, न्यूयॉर्क, ग्वाटेमाला सिटी, लॉस एंजिल्स, रियो डी जनेरियो, टोरंटो, कराकस, सैन साल्वाडोर, मॉन्ट्रल, सैंटो डोमिंगो, शिकागो, सेंट जॉन्स, ओटावा, न्यू ऑरलियन्स, मैक्सिको सिटी, असुनसियन, सैंटियागो, ब्रासीलिया, वाशिंगटन डीसी, ऑकलैंड, सैन फ्रांसिस्को, सुवा, लीमा, डेट्रॉइट, हवाना से देखा जा सकता है.

