यह स्पष्ट होने लगा है कि यह हिंदुत्व फासिस्ट्स का षडयंत्र है. हिंदुत्व और चन्द्रबाबू नायडू ने हिंदुओं के सबसे धनी और प्रसिद्ध मंदिर के प्रति दुर्भावना से लड्डू में बीफ का घी और फिश ऑयल होने का राजनीतिक दुष्प्रचार किया है.
यदि लड्डू में बीफ का घी और फिश ऑयल है तो उसे देश के सामने लाओ और कंपनी मालिक और ट्रस्ट के लोगो को गिरफ्तार करो? लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योकि यह बिजनेस का मामला है, इसमें कम्पनियां शरीक हैं. यह ट्वीट जो दिया जा रहा है वह मोदी की ट्रोल आर्मी और उसका ईको सिस्टम सोशल मीडिया पर फैला रहा है. यह दुष्प्रचार क्यों किया जा रहा है ?

गौरतलब है कि चन्द्रबाबू नायडू अब नरेंद्र मोदी का पार्टनर है, इससे पहले मोदी का पार्टनर जगन रेड्डी था. दोनों के साथ भाजपा स्टेट में गठ्बन्धन में रही है और केंद्र में भी, दोनों मोदी के आदमी हैं. ऐसे में यदि जगन रेड्डी ने बीफ का घी और मछली का तेल लड्डू में मिलवाया तो उसमे भाजपा की भी मिली भगत थी. मन्दिर कि सप्लाई से छेड़छाड़ चन्द्रबाबू नायडू के राज में हुआ था, नायडू के दबाव में शुद्ध नंदिनी घी की सप्लाई बंद कर दी गई और बीफ मिश्रित घी को खरीदा गया था. यह मामला आस्था का नहीं है, प्रॉफिट का है.

आपको बता दें कि तिरुपति लड्डू में 10 टन बेसन, 10 टन चीनी, 700 किलोग्राम काजू, 150 किलोग्राम इलायची, 500 किलोग्राम मिश्री और 540 किलोग्राम किशमिश का इस्तेमाल होता है, बेसन भूनने के लिए 400 से 500 किलो घी लगता है. गुजरात की अमूल जैसी कम्पनी या कोई और कम्पनी अपना माल सप्लाई करना चाहती है सम्भवत: इसलिए यह दुष्प्रचार कर रहे हैं. पहले अमूल कर्नाटक के दूध की कम्पनी का नंदिनी ब्रांड को हडपना चाहती थी जिसके लिए मोदी ने बहुत प्रयास किया लेकिन कांग्रेस ने कर्नाटक की इज्जत को बचा लिया. फासिस्ट षड्यंत्र को समझने की जरूरत है. ये लाभ के लिए किसी सीमा तक जा सकते हैं.

