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नरेंद्र मोदी ने हालिया में धीरेन्द्र ब्रह्मचारी उर्फ़ बाघेश्वर धाम वाले के हस्पताल का उद्घाटन किया था. यह हस्पताल 200 करोड़ का है, उद्घाटन में मोदी ने धीरेन्द्र ब्रह्मचारी को अपना छोटा भाई बताया. ट्विटर पर लोगों पूछा था “क्या यह भी नॉनबायोलोजिकल है?” खैर, हस्पताल मॉडर्न है भले ही उसका मालिक भूत झाड़ने वाला एक ठग ओझा है. यह ठग ओझा लोगों के न केवल भूत उतरता है बल्कि लोगों के रोग का इलाज भी करता है. उसके द्वारा किये कैंसर के इलाज के अनेक वीडियो उपलब्ध है. यह ठग सिर्फ इतना ही बोलता है ” मां बीमार है, तीन साल से दर्द कैंसर नामका रोग बना हुआ है, ओमवती को कृपा हो जाएगी आशीर्वाद है. चौथी स्टेज पर पहुंच गया है गंभीर हालत में है, असहनीय पीड़ा बनी रहती है, औषधि ले चुके हैं, उनमें लाभ नहीं हुआ है, धाम की पेशी करें, आप अपने घर पर जो है 11 दिन की अखंड ज्योति जलाएं 50 ग्राम देशी गाय के गोमूत्र में दो खड़ी हल्दी की गांठ पीसकर के मिलाकर के रोगी को पिलाएं, लाभ 100% होगा – आशीर्वाद”

शास्त्री की ख्याति मुख्य रूप से ‘चमत्कार’ करने की उनकी अलौकिक क्षमता के कारण हो. सोशल मीडिया पर इसे लाखो अनुयायी हैं, इंस्टाग्राम पर उनके 2 मिलियन से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं और यूट्यूब पर करीब 10 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं. मीडिया आउटलेट द प्रिंट के अनुसार इसके फ़ॉलोअर्स मध्य प्रदेश के बालाजी मंदिर में एक बॉक्स में कागज का एक टुकड़ा डालने के लिए दूर-दूर से आते हैं और भगवान से मिलने के लिए महीनों, यहां तक ​​कि एक साल तक इंतज़ार करते हैं. एक फ़ॉलोअर ने रिपोर्ट में कहा, “वे (शास्त्री ने टीवी पर जो चमत्कार किए हैं) वे सभी असली हैं, मैडम… हम मानते हैं कि क्योंकि बाबाजी हिंदुत्व की बात करते हैं… ये हमारे बाबाजी का हिंदुत्व है. हम उन्हें कलियुग में हनुमान जी के अवतार के रूप में पूजते हैं – ये हमारा विश्वास है.”

शास्त्री की प्रसिद्धि तथाकथित ‘चमत्कारी क्षमताओं’ के कारण हुई – बीमारों को ठीक करने, भूत झाड़ने और दिमाग पढ़ने के दावे की वजह से बढ़ी. उसके टेलीविजन पर ‘दिव्य दरबार’ में बड़ी भीड़ शामिल होती है, जहां वो उपस्थित लोगों के समूह में से प्रतिभागियों को बुलाता हैं और कथित तौर पर आत्माओं का ‘झाड़-फूंक’ करता है. बीमारियों का निदान करता झाड़ फूंक से कर देता है या कभी कभी कुछ गौमूत्र इत्यादि पीने को बताता है. यह ठग धीरेंद्र शास्त्री पहले से ही दरबार में अर्जी लाने वालों को तय कर लेता है और उनकी बात लिख लेता है. फिर दावा करता है कि उसने पहले सब जान लिया था.

यदि इसके झाड़ने फूंकने से कैंसर ठीक हो रहा था तो इसे आधुनिक हस्पताल बनाने की क्या जरूरत है? क्या दरबार में जाने वाले यह नहीं प्रश्न करेंगे कि यदि तू गौमूत्र, हल्दी तथा झाड़ फूंक से इलाज कर सकता है तो तुझे विज्ञान की क्या जरूरत है ! आश्चर्यजनक बात ये है कि उसके ठगी विद्या से पढ़े लिखे हिन्दू भी इसके दरबार में जाने लगे थे. जब प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी इसे अपना छोटा भाई कहा है तो कौन इस पर सवाल उठा सकता है. इसके दरबार में एक्टर संजय दत्त, सोनू सूद, एल्विश यादव, और शहनाज़ गिल भी जा चुके हैं. बस कंगना रनौत का जाना बाकी है.