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मदुरै का सुब्रमण्यम स्वामी  अर्थात मुरुगन का तिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन ( Thirupparamkunram Murugan) मन्दिर देवों के सेनापति कुमार कार्तिकेय का प्रसिद्ध मन्दिर है. कार्तिकेय का मंगल दोष के लिए भी पूजन किया जाता है. छठवीं शताब्दी में पाण्ड्य  राजाओं  द्वारा निर्मित यह भव्य मन्दिर अश्लेषा नक्षत्र के लिए प्रसिद्ध  है. यहाँ अश्लेषा नक्षत्र के दोष की निवृत्ति के लिए दूर दूर से जातक दर्शन पूजन करने आते हैं. अश्लेषा नक्षत्र एक गंडमूल नक्षत्र है इसलिए इसका दोष बड़ा विकट होता है. चट्टानों को काट कर बनाए गए इस मंदिर में भगवान गणपति, शिव, दुर्गा, विष्णु आदि के अलग से मंदिर भी बने हुए हैं.

इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके सबसे भीतरी मंदिर को एक ही चट्टान से काटकर बनाया गया है. अश्लेषा नक्षत्र के जातकों के विवाह सम्बन्धित समस्याओं के लिए इस मन्दिर का दर्शन बहुत लाभप्रद होता है. इसी स्थान पर भगवान मुरुगन का देवयानी के साथ विवाह हुआ था इसलिए यह स्थान शादी करने के लिए पवित्र माना जाता है. गंडमूल नक्षत्र के दोष के कारण वैवाहिक जीवन में अशांति होने पर भी इस मन्दिर में पूजा करने से उसकी शांति होती है.

कहा जाता है कि इस स्थान पर ऋषि पराशर में कार्तिकेय की पूजा की थी. मुरुगन की सवारी मयूर इस मन्दिर में सफेद रंग का है.  कथा के अनुसार सारे देवता मुरुगन स्वामी की पूजा करने के लिए इसी रूप में उपस्थित हुए थे.

मुरुगन के प्रसिद्ध मन्दिर
निम्नलिखित छः आवास, जिसे ‘आरुपदै विदु’ के नाम से जाना जाता है, भारत के तमिलनाडु में भगवान मुरुगन के भक्तों के लिए बहुत ही मुख्य तीर्थ स्थानों में से हैं-

1.    पलनी मुरुगन मन्दिर – कोयंबटूर से 100 कि.मी. पूर्वी-दक्षिण में स्थित.
2.    स्वामीमलई मुरुगन मन्दिर – कुंभकोणम के पास.
3.    तिरुत्तनी मुरुगन मन्दिर – चेन्नई से 84 कि.मी..
4.    तिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मन्दिर – मदुरई से 10 कि.मी. उत्तर में स्थित।


5.    श्री सुब्रहमन्य स्वामी देवस्थानम, तिरुचेन्दुर – तूतुकुडी से 40 कि.मी. दक्षिण में स्थित.
6.    तिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मन्दिर – मदुरई से 10 कि.मी. दक्षिण में स्थित.
7    ‘मरुदमलै मुरुगन मन्दिर’ (कोयंबतूर का उपनगर) एक और प्रमुख तीर्थ स्थान है.
8  भारत के कर्णाटक में मंगलौर शहर के पास ‘कुक्के सुब्रमण्या मन्दिर’ भी बहुत प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है, जो भगवान ‘मुरुगन’ को समर्पित हैं. लेकिन यह भगवान मुरुगन के उन छः दिव्य निवास स्थान का हिस्सा नहीं है, जो तमिलनाडु में स्थित हैं.