हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण की घटना बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है क्योकि सूर्य इस जगत की आत्मा मान्य है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर ही लगता है. इस दिन सूर्य को राहु ग्रसता है. सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. आने वाले 2 अक्टूबर 2024 को सर्वपितृ अमावस्या है, इस दिन साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. एक पूर्ण सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के सामने आता है. सूर्य ग्रहण को धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है और सभी धार्मिक कार्य इस दौरान बन्द रहते हैं. सूर्य इस समय कन्या राशि में गोचर कर रहा है और दक्षिणायन की अपनी नीच राशि की तरफ अग्रसर है.
अमावस्या 2 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात्रि 09 बजकर 13 मिनट पर प्रारंभ होगा और सुबह 03 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए भारत में ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. इस सूर्य ग्रहण को अर्जेंटीना, प्रशांत महासागर, आर्कटिक, दक्षिण अमेरिका, पेरू और फिजी जैसे क्षेत्रों में देखा जा सकेगा. सूर्यग्रहण कहीं भी हो इसका प्रभाव समस्त चराचर जगत पर पड़ता है इसलिए इस दौरान शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.

