कार्तिक का महीना की अमावस्या में दीपावली सम्पन्न हुई है. ज्योतिष और हिन्दू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है, विशेष रूप से सोमवती अमावस्या का तो ज्यादा ही महत्व बताया गया है. यह शिव को बहुत प्रिय है साथ में पितरों को भी यह प्रिय है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. कार्तिक माह की यह शुभ अमावस्या आज 13 नवम्बर को है, अमावस्या की पूजा, स्नान, दान आज ही किया जाएगा. अमावस्या रविवार और सोमवार दोनों में ही पड़ गई है. कार्तिक होने के कारण इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है तथा सोमवती अमावस्या होने के कारण शिव का पूजन अर्चन भी किया जाता है. आज गंगा स्नान और दान करने से महान पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी कर सकते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं.
मुहूर्त-
साल 2023 के आखिरी सोमवती अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि समेत अनेक शुभ योग हैं. कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर दिन रविवार को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू हुई थी, जो आज 13 नवंबर सोमवार को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर सोमवती अमावस्या 13 नवंबर को मनाई जाएगी.
सोमवती अमावस्या के दिन कुछ नही कर सकते तो कमसे कम सूर्योदय से पूर्व उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें. नदी ना हो तो घर में ही पवित्र गंगा का जल डालकर स्नान करें. स्नान के उपरांत पीपल के वृक्ष को जल प्रदान करें और पीपल की ग्यारह, इक्कीस, 108 परिक्रमा करें. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और समस्त सुखों की प्राप्ति होगी और धन संपदा में वृद्धि होती है.
शनि की पूजा सोमवती अमावस्या में बहुत फलदायक होती है. शनि से संबंधित सभी प्रकार के दोषों और उससे जुड़े कष्टों को दूर करने के लिए सोमवती अमावस्या पर पीपल का पूजन और प्रदक्षिणा करें. कुंडली में शनि की खराब महादशा चल रही हो तो सोमवती अमावस्या पर शनि को तेल स्नान कराना, पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के 108 दीपक जलाना, और काले तिल या काले उड़द का दान बहुत अच्छा रहता है .

