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सूर्य की सतह से शक्तिशाली विकिरण होता है और सौर तेजाग्नि (solar flare) का भी विस्फोट होता रहता है. सूर्य की यह तेजाग्नि ज्यादातर अन्तरिक्ष से पृथ्वी पर कम पहुंचती हैं लेकिन सोलर फ्लेयर के शक्तिशाली विकिरण जिसको वैज्ञानिक M-5 स्तर की कहते हैं,पृथ्वी को गहरे प्रभावित करते हैं. इनमें इतनी शक्ति होती है कि सम्पूर्ण कम्युनिकेशन सिस्टम ध्वस्त हो सकता है. पृथ्वी पर कम्प्यूटर, मोबाईल, इलेक्ट्रोनिक मीडिया पृथ्वी के आयनोंस्फियर पर निर्भर करते है, ये शक्तिशाली सौर तेजाग्नि उसे नष्ट कर सिस्टम को ध्वस्त कर सकने में सक्षम है. सूर्य की ऊर्जा का बहुत सूक्ष्म स्तर का रेडियेशन ही पृथ्वी पर पहुंचता है जो जीवनदायिनी है, विशेष रूप से जब इस शक्तिशाली रेडियेशन का रुपान्तरण करके चन्द्रमा उसे पृथ्वी को प्रदान करता है. समुद्री जहाज, लड़ाकू विमान तथा पनडुब्बी नेविगेशन में जीपीएस और नेविगेशन रेडियो का इस्तेमाल करते हैं. सौर तेजाग्नि (solar flare) के शक्तिशाली होने पर ये गहरे प्रभावित होकर रेडियो की फ्रीक्वेंसी और जीपीएस को प्रभावित होती है और कई बार यह बाधित हो जाती है. यह उनके भटकाव और दुर्घटनाओं का कारण बन जाता हैं. शक्तिशाली सोलर फ्लेयर पृथ्वी पर इलेक्ट्रिक सिस्टम को भी ध्वस्त करने में सक्षम है. सौर तेजाग्नि (solar flare) के प्रभाव में ही अक्सर भयंकर अग्निदुर्घटनाएं होती हैं. भारतीय ज्योतिष में भी सूर्य दाह का कारक है, न केवल बाह्य जलन का बल्कि आन्तरिक दाह का भी कारक है.आन्तरिक दाह जिसमे देह भीतर से जलती है, लगता है आग लगी हुई है. यह सदैव ध्यान रखना चाहिए कि यह सूर्य का अधिभौतिक स्वरूप है .. लेकिन जिसे आदित्य कहा गया है वह सूर्य का अधिदैविक स्वरूप है जो पृथ्वी के जीवन को गहरे नियंत्रित करता है. हालिया में सूर्य की कुछ शक्तिशाली तस्वीरें और वीडियो सोलर ऑर्बिटर द्वारा ली गई थीं जिसे नासा ने जारी किया था, वही वीडियो और तस्वीरें यहाँ दे रहे हैं.

आस॒त्येन॒ रज॑सा॒ वर्त॑मानो निवे॒शय॑न्न॒मृतं॒ मर्त्य॑ञ्च ।
हि॒र॒ण्यये॑न सवि॒ता रथे॒नाऽऽदे॒वो या॑ति॒भुव॑ना वि॒पश्यन्॑ ॥
अ॒ग्निं दू॒तं वृ॑णीमहे॒ होता॑रं वि॒श्ववे॑दसम् । अ॒स्य य॒ज्ञस्य॑ सु॒क्रतुम्॥
येषा॒मीशे॑ पशु॒पति॑: पशू॒नां चतु॑ष्पदामु॒त च॑ द्वि॒पदाम् ।
निष्क्री॑तो॒ऽयं य॒ज्ञियं॑ भा॒गमे॑तु रा॒यस्पोषा॒ यज॑मानस्य सन्तु ॥
ओं अधिदेवता प्रत्यधिदेवता सहिताय आदि॑त्याय॒ नम॑: ॥