
कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर होने से घर से लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है. व्यक्ति को जीवन में पैसों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और घर दरिद्रता घर में वास करने लगती है. शुक्र ग्रह के दोष से स्त्री के साथ कलह होती है, पत्नी से अपमान होता है. कुंडली में शुक्र के मजबूत होने पर व्यक्ति को जीवन में सभी सुख-सुविधायें प्राप्त होती हैं. शुक्र दोष के निवारण के लिए उसके मन्त्र का इस विधि से जप करना चाहिए-
विनियोग: ॐ अस्य श्रीशुक्रमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, पङ्क्तिश्छन्दः, शुक्रो देवता, शुं बीजम्, स्वाहा शक्तिः, श्रीशुक्रप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः
न्यास : –
ॐ ब्रह्मऋषये नमः शिरसि । ॐ पङ्क्तिश्छन्दसे नमः मुखे । ॐ शुक्रदेवतायै नमः हृदये । ॐ शुं बीजाय नमः गुह्ये । ॐ स्वाहा शक्तये नमः पादयोः । इति ऋष्यादिन्यासः ।
ॐ शुं अङ्गुष्ठाभ्यां नमः । ॐ शुं तर्जनीभ्यां नमः । ॐ शुं मध्यमाभ्यां नमः । ॐ शुं अनामिकाभ्यां नमः । ॐ शुं कनिष्ठिकाभ्यां नमः । ॐ शुं करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः । इति करन्यासः
ॐ शुं हृद्याय नमः । ॐ शुं शिरसे स्वाहा । ॐ शुं शिखायै वषट् । ॐ शुं कवचाय हुँ । ॐ शुं नेत्रत्रयाय वौषट् । ॐ शुं अस्त्राय फट् । इति हृदयादिन्यासं
ध्यान:
ॐ सन्तप्तकाञ्चननिभं द्विभुजं दयालुं पीताम्बरं धृतसरोरुहकेशयुग्मम् ।
क्रौञ्चासनं असुरसेवितपादपद्मं शुक्रं भजे द्विनयनं हृदि पङ्कजेऽहम्
शुक्रमन्त्रः – ॐ शुं शुक्राय नमः स्वाहा
ध्यान करके पंचोपचार पूजन करें और मन्त्र का जप करें.