धन की देवी लक्ष्मी की उपासना दीपावली में विशेष रूप से किया जाता है. लक्ष्मी श्रीविद्या हैं और इस रूप में दु:साध्य हैं. ऐसे में अष्टलक्ष्मी में धन लक्ष्मी की विशेष पूजा और अनुष्ठान करना चाहिए. इससे धन की समस्या जिन्दगी में कभी नहीं आती है. इस मन्त्र का दिए गये विधि से देवी लक्ष्मी का पूजन के साथ जप करना चाहिए.
श्रीधनलक्ष्मीः मन्त्र प्रयोग –
विनियोग-अस्य श्रीधनलक्ष्मीमहामन्त्रस्य,परब्रह्म ऋषिः,अनुष्टुप्छन्द:,श्रीधनलक्ष्मीः देवता, लं बीजं, धं शक्तिः मं कीलकं
श्रीधनलक्ष्मीप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
करन्यास-
ॐ त्रां अङ्गुष्ठाभ्यां नमः ॐ त्रीं तर्जनीभ्यां नमः
ॐ त्रूं मध्यमाभ्यां नमः ॐ त्रैं अनामिकाभ्यां नमः
ॐ त्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः ॐ त्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः
हृदयादि न्यास-
ॐ त्रां हृदयाय नमः ॐ त्रीं शिरसे स्वाहा
ॐ त्रूं शिखायै वषट् ॐ त्रैं कवचाय हुं
ॐ त्रौं नेत्राभ्यां वौषट् ॐ त्रः अस्त्राय फट्
ॐ भूर्भुवस्सुवरोमिति दिग्बन्धः ॥
ध्यान-
किरीटमुकुटोपेतां स्वर्णवर्णसमन्विताम् ।
सर्वाभरणसम्युक्तां सुखासनसमन्विताम् ॥
परिपूर्णञ्च कुम्भञ्च दक्षिणेन करेण तु ।
चक्रं बाणञ्च ताम्बूलं तदा वामकरेण तु ॥
शङ्खं पद्मञ्च चापञ्च कुण्डिकामपि धारिणीम् ।
सकञ्चुकस्तनीं ध्यायेत् धनलक्ष्मीं मनोहराम् ॥
मूलमन्त्रम् – ॐ श्रीं धनलक्ष्म्यै नमः

