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शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौ रक्षा के लिए भाजपा की बीफ निर्यातकों के लिए बीफ क्रांति की नीति के खिलाफ संसद तक मार्च निकाला. इस दौरान उनके सैकड़ो अनुयायी भी मौजूद रहे. इसके पहले भी शंकराचार्य ने कई मंचों से गोरक्षा के लिए आवाज उठाई है. पिछले दिनों काशी में गौसंसद में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि हिन्दू उसी पार्टी को वोट दे जो अपने घोषणा पत्र में गोहत्या पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाने के लिए सख्त कानून बनाने का वादा करेगी.

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने अनुयायियों के साथ दिल्ली की सड़कों पर पिछले बुधवार को ‘गाय बचेगी देश बचेगा’ के नारे के साथ मार्च किया. उन्होंने कहा कि भाजपाई शासन में गौमाता की सबसे ज़्यादा दुर्दशा हुई है,भाजपा के लिए गौमाता आस्था का नहीं बल्कि राजनीति का विषय है. BJP गौमाता के नाम पर बड़े-बड़े भाषण दे सकती है,लेकिन गौमाता को सुरक्षित नहीं रख सकती.
गौरतलब है कि शंकराचार्य ने गोरक्षा को लेकर उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को भी पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने गाय को राष्ट्र माता बनाए जाने और गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाए जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि जनता के वोट से प्रत्याशी चुने जाते हैं. अगर गोहत्या होती है तो पाप मतदाताओं को भी पड़ेगा. इसलिए जनता को गोहत्या के कलंक से बचाने के लिए इस पर प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए.