
महाकुंभ हादसे में सरकार ने 30 मौतों की पुष्टि की है जबकि आंकड़े 100-200 के बीच बताये जा रहे हैं. सरकार लाशो को कूड़े से उठा कर रफा दफा कर रही है. ऐसे अनेक वीडियो रिपोर्ट हुए हैं साक्ष्य के साथ जिससे मरने वालों का आंकड़ा सरकारी नम्बर से चार गुना से ज्यादा है. प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में हुईं मौतों पर बागेश्वर धाम के छुटभैया नेता धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ऐसा मूर्खतापूर्ण बयान दिया कि सोशल मीडिया पर सब टूट पड़े हैं और घमासान मच गया है. महाकुंभ में मची भगदड़ पर बागेश्वर धाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जो गंगा किनारे भगदड़ में मरे हैं वो मोक्ष पा गये हैं. बागेश्वर धाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “देश में प्रतिदिन करोड़ों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. महाकुंभ में हुई यह घटना निंदनीय है, लेकिन एक बात कहूं, यह महाप्रयाग है. यहां मरा कोई नहीं है, हां असमय चले गए तो दुख तो है, लेकिन जाना तो एक दिन सबको है. कोई पहले चला गया, कोई बाद में जाएगा. यहां जो मरे हैं उनकी मृत्यु नहीं हुई है बल्कि उनको मोक्ष मिला है.”
इसकी सोशल मीडिया पर बहुत आलोचना हुई और लोगो ने “आक थू:” कह कर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चंहेटा. उधर एक पत्रकार के सवाल पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वे तैयार हों तो अभी धक्का मारकर उनका भी मोक्ष करवाने के लिए तैयार हैं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ‘जो भी लोग ऐसी बातें कर रहे हैं, उनका मोक्ष करवा देना चाहिए. इस तरह से पैरों के नीचे कुचलकर जिन माताओं बहनों और बच्चों की मौत हुई है बहुत ही दुखद है. मोक्ष हो गया है ऐसा बोलना बहुत आसान है. जो भी ऐसा बोलते हैं इनमें से कोई भी तैयार हो तो घोषणा करें कि मेरा भी मोक्ष करा दो, मैं इसके लिए तैयार हूं. मैं ऐसे बोलने बालों को तुरंत मोक्ष दिला दूंगा.’
पुराणपंथी धूर्त धर्म के विपरीत सोच रखने वाले शैतान हैं. इनमे न तो सत्य है और न धर्म है. ये धर्म और अध्यात्म के सभी मूल्यों के विपरीत आचरण करते हैं बोलते हैं. बहुसंख्यक एक पार्टी के मेम्बर हैं उसके लिए कार्य करते हैं. इस चीज को हिन्दू को समझना होगा. साधु की पहचान उसके त्याग, सत्य, धर्म,अहिंसा, अविद्वेष , अघृणा इत्यादी सनातन मूल्यों के द्वारा करना चाहिए.