जन्म कुंडली में खराब शनि के कई सिम्पटम हैं. यदि हाथ काला हो गया हो, पति-पत्नी विवाद खत्म न होता हो, मस्तिष्क में अकारण क्रोध होता हो या डिप्रेशन बहुत होता हो, आत्महत्या की इच्छा करती हो, विषाद हो, अकेलापन ज्यादा हो या अलगाव में रहते हों, शनि की ऊँगली टेढ़ी हो गई तो या नाख़ून खराब हों, लड़ाई मुकदमा लगा रहता हो तो शनि निःसंदेह खराब है. शनि यदि लग्न में हो अकारण क्रोध और चिडचिड़ापन होता है. शनि की खराब दशा में देह का औरा काले धूम्र वर्ण का हो जाता है.
इसका उपाय सदैव मन्त्र का अनुष्ठान है, दूसरा कोई उपाय काम नहीं करता. शनि द्वारा प्रद्दत कष्टों से छुटकारा पाने के लिए शनि मन्त्र, स्तोत्र, दान इत्यादि प्रमुख उपाय हैं. इसके इतर कुछ अन्य उपायों में पीपल की पूजा, पीपल के नीचे दीप देना और परिक्रमा बहुत कारगर उपाय है.
एक यह उपाय भी बहुत काम का और कारगर है. किसी शनिवार को काले कपड़े में 11 कच्चे नारियल, जौ, काला तिल, रांगा का टुकड़ा या सिक्का, कच्चा कोयला और काला चना पोटली में बाँध लें. एक नया वस्त्र अपने लिए खरीद लें. किसी नदी के तट पर जाएँ , गंगा बेहतर रहेगी. वहां जो कपड़ा पहने हैं उसे पहन कर नदी में घुस जाये. पश्चिम मुख करके पोटली को सिर से 7 बार वार ले और पश्चिम दिशा में फेंक दे. अब शनि मन्त्र पढ़ते हुए 7 बार डुबकी लगायें और शनि से कष्टों से निवृत्ति की प्रार्थना करें. बाहर निकल कर कपड़े बदलें. पुराना कपडा वहीं छोड़ दे. घर आकर हाथ पैर धोएं. और 5 ब्राह्मण को आमंत्रित कर भोजन कराएँ और दक्षिणा देकर प्रणाम करें और विदा करें.
इस प्रयोग से अवश्य कष्टों से मुक्ति होगी. इस शनिवार जरुर करें अथवा कार्तिक पूर्णिमा के दिन इसे करें.

