सभी हिन्दू महीने की चतुर्थी तिथि का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए विहित है. इस दिन भगवान गणेश की श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना करने पर जीवन के सभी संकटों का नाश होता है. विनायक चतुर्थी व्रत सावन माह में श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन विनायक चतुर्थी का व्रत और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों और संकटों का नाश होता है और उपासक को सभी प्रकार के सुख मिलते हैं. इस श्रावण मास की विनायक चतुर्थी पर शिव योग और रवि योग बन रहा है जिससे यह तिथि और भी शुभ फलप्रद हो गई है. इस दिन चन्द्रमा का दर्शन करने से दोष लगता है इसलिए चन्द्र दर्शन ना करें.
पूजा मुहूर्त –
दृक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 07 अगस्त, 2024 को देर रात 01 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि समापन 09 अगस्त को रात 12 बजकर 36 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रास्त रात 09 बजकर 27 मिनट पर होगा, जिसके चलते 08 अगस्त को चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. विनायक चतुर्थी के दिन पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक है. इस बीच में भगवान गणेश की विधि पूर्वक शास्त्रविहित पूजा कर सकते हैं.
गणपति स्तोत्र –
सुवर्णवर्णसुन्दरं सितैकदन्तबन्धुरं
गृहीतपाशकाङ्कुशं वरप्रदाभयप्रदम् ।
चतुर्भुजं त्रिलोचनं भुजङ्गमोपवीतिनं
प्रफुल्लवारिजासनं भजामि सिन्धुराननम् ॥ १॥
किरीटहारकुण्डलं प्रदीप्तबाहुभूषणं
प्रचण्डरत्नकङ्कणं प्रशोभिताङ्ङ्घ्रयष्टिकम् ।
प्रभातसूर्यसुन्दराम्बरद्वयप्रधारिणं
सरलहेमनूपुरं प्रशोभिताङ्घ्रिपङ्कजम् ॥ २॥
सुवर्णदण्डमण्डितप्रचण्डचारुचामरं
गृहप्रतीर्णसुन्दरं युगक्षणं प्रमोदितम् ।
कवीन्द्रचित्तरञ्जकं महाविपत्तिभञ्जकं
षडक्षरस्वरूपिणं भजेद्गजेन्द्ररूपिणम् ॥ ३॥
विरिञ्चिविष्णुवन्दितं विरूपलोचनस्तुतिं
गिरीशदर्शनेच्छया समर्पितं पराशया ।
निरन्तरं सुरासुरैः सपुत्रवामलोचनैः
महामखेष्टमिष्टकर्मसु (स्मृतं) भजामि तुन्दिलम् ॥ ४॥
मदौघलुब्धचञ्चलार्कमञ्जुगुञ्जितारवं
प्रबुद्धचित्तरञ्जकं प्रमोदकर्णचालकम् ।
अनन्यभक्तिमानवं प्रचण्डमुक्तिदायकं
नमामि नित्यमादरेण वक्रतुण्डनायकम् ॥ ५॥
दारिद्र्यविद्रावणमाशु कामदं स्तोत्रं पठेदेतदजस्रमादरात् ।
पुत्रीकलत्रस्वजनेषु मैत्री पुमान्मवेदेकवरप्रसादात् ॥६॥
इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं गणपतिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

