ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि का वक्री होकर ज्यादा बालवान हो जाता है. शनि एक पाप ग्रह है, ऐसे पाप ग्रह का बलवान होना जातक के लिए कष्टदायक होता है. शनि कुंडली में जिस भाव में गोचर करता उसके मुताबिक ज्यादा अशुभ परिणाम देता है. शनि 29 मार्च से मीन राशि में गोचर कर रहा है. जिन जातकों कि कुंडली में मीन राशि और कर्क राशि अष्टम, द्वादश, सप्तम, दूसरे, षष्टम हॉउस में पड़ती है उस पर शनि का गहरा प्रभाव है. शनि अपनी दृष्टि से भी राशियों को प्रभावित करता है. मीन राशि से उसकी दृष्टि वृषभ, कन्या और धनु राशि पर पड़ेगी और कर्क राशि से कन्या, मकर और मेष राशि पर पड़ेगी इसलिए इस दौरान इन राशियों पर भी शनि का शुभाशुभ प्रभाव पड़ेगा.
शनि ग्रह 13 जुलाई 2025, रविवार को प्रातः 09:36 बजे वक्री होगा और 28 नवम्बर 2025, शुक्रवार को प्रातः 09:20 बजे मार्गी होगा. ऐसे में शनि के वक्री अवस्था के दौरान अन्य ग्रहों का गोचर और उनपर शनि की दृष्टि युति भी काफी महत्वपूर्ण होगी. इस दौरान चन्द्रमा से कमसे कम से शनि की छह बार युति होगी. बुध तुला राशि में 7 अक्टूबर को वक्री होगा और शुक्र से युत रहेगा, मंगल भी तुला में गोचर रहेगा. इस दौरान वक्री शनि मेष राशि में होगा और उसकी दृष्टि वक्री बुध पर होगी जिससे मेष, तुला, मकर तथा वृश्चिक राशि गहरे प्रभाव में होगी. शनि की वक्र दृष्टि से मेष, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक और मीन राशि को सावधान रहना होगा. इन राशियों को शनि वक्री की अवधि में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए, इन राशियों को कुछ विशेष उपाय जरूर करना चाहिए.
संक्षिप्त उपाय –
शनि ग्रह को शांत करने के लिए शनि के अनुष्ठान और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना या करवाना चाहिए. शनि ग्रह को खुश करने के लिए हर दिन कौवे को रोटी खिलाएं. शनिवार के लिए एक कटोरी में थोड़ा सा सरसों का तेल लेकर उसमें अपनी छाया देखें और उसके बाद शनि मंदिर में जाकर तेल को अर्पित कर दें. इस दौरान किसी सिद्ध शनि मन्दिर में दर्शन कर के पूजन करवाएं. शनि मीन राशि में है, इस दौरान मछलियों को दाना डालें. काले तिल डाल कर जल में स्नान करें.

