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भारतीय ज्योतिष में कुछ बातें बताई गईं हैं जिन्हें सर्वथा सत्य पाया गया है. जातक की सत्कीर्ती होगी या अपकीर्ति इसका निर्णय सदैव दसवें घर से करना चाहिए. दशम भाव प्रतिष्ठा, कीर्ति, प्रसिद्धि, राजसम्मान का हॉउस होता है. यह आज्ञा स्थान भी कहा गया है अर्थात कोई किस प्रकार की आज्ञा देगा यह भी इस भाव का विषय है. किसी देश का शासक क्रूर आज्ञा देने वाला है या सौम्य आज्ञा देगा, यह उस देश की कुंडली के दशम भाव से और उस देश के राष्टपति या पीएम की कुंडली के दशम भाव दशम देखना चाहिए.

इस सम्बन्ध में कुछ योग इस प्रकार से बताये गये हैं –

1-दशम भाव में सूर्य या मंगल या दोनों हों और दशमेश केंद्र में हो तो शासक की आज्ञा क्रूर होती है.

2-यदि दशमेश शनि के साथ हो या अष्टमेश के साथ हो, केंद्र में हो, क्रूर नवांश में या दशमांश में एक साथ हों तो शासक की आज्ञा क्रूर होती है.

3-यदि दशम हॉउस में राहु या गुलिक अथवा राहु-केतु अष्टम भाव में हों एवं नवमेश नीच राशि में हो तो जातक क्रूर आज्ञा करता है

4-दशम भाव में शनि हो तो क्रूर आज्ञा देने वाला होता है .

5-दशम भाव में सूर्य हो और दशमेश पापान्वित हो

6- दशम भाव शनि द्वारा दृष्ट हो यदि वह षष्टमेश या अष्टमेश हो

इस सन्दर्भ में दशम भाव के कारकों और दशमांश को भी देखना चाहिए

ये कुछ कुंडलियाँ इसका उदाहरण हैं ..

1- Adolf Hitler

2-Benito Mussolini

3-Franco, Francisco

4-Indira Gandhi

5-Narendra Modi –

यदि दशम भाव में सूर्य या शनि हों अथवा से पाप नवांश या पाप ग्रह दृष्ट या पाप ग्रह के मध्य हों तो जातक की अपकीर्ति होती है. नरेंद्र मोदी की गोधरा दंगे, अडानी, देश में कम्युनल माहौल और hatemongering से अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपकीर्ति हो चुकी है और यह अभी और हो सकती है.

6- Donald Trump-

यदि दशम भाव में सूर्य या शनि हों अथवा पाप नवांश या पाप ग्रह दृष्ट या पाप ग्रह के मध्य हों तो जातक की अपकीर्ति होती है. डोनाल्ड ट्रम्प की जबर्दस्त अपकीर्ति हो चुकी है.