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वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि-मंगल एक दूसरे के अति-शत्रु हैं. इन दो क्रूर ग्रहों की गोचर में युति को काफी अशुभ और विनाशकारी माना जाता है. गोचर में इनका शुभ और अशुभ प्रभाव सभी राशियों पर होता है. कुम्भ राशि में यह गोचर पश्चिम दिशा में स्थित देशों और राज्यों के लिए अशुभ होगी. जब मंगल जैसा क्रूर ग्रह अपने अति शत्रु ग्रह की राशि में विचरण करता है और युत होता है तो उसका प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ता है. शनि-मंगल युति से सत्ता परिवर्तन, हिंसा, युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं को होते हुए देखा गया है. वर्तमान में गोचर के शनि अपनी मूलत्रिकोण कुंभ राशि में विराजमान है और 15 मार्च को मंगल भी कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगा. शनि और मंगल के कुंभ में एक साथ विराजमान होने से दोनों ग्रहों की गूढ़ युति 11 अप्रैल को पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में बनेगी. आग्नेय मंडल में होने से यह युति गुजरात, कश्मीर आदि राज्यों के लिए अशुभ होगी. यह युति कुछ राशि के लिए बहुत लाभकारी हो सकती है. लेकिन ज्यादातर राशियाँ इसके अशुभ प्रभाव में होंगी और वे जातक मुश्किलों का सामना कर सकते हैं विशेषकर जिनकी साढ़ेसाती चल रही है. मंगल शनि की कुम्भ में युति हर 30 साल बाद होती है जो काफी बड़े परिवर्तनों को अंजाम दे सकती है. शनि-मंगल युति इंजीनियरों, आईटी क्षेत्र के कार्य करने वाले लोगों और हैवी उद्योगों, उत्खनन उद्योग इत्यादि को प्रभावित करेगा.
इस युति से किन राशियों को परेशानी हो सकती है और किन राशियों को लाभ मिल सकता है, इसका सामान्य गोचर फल दिया जा रहा है –

मेष राशि-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष राशि वालों के लिए शनि और मंगल की युति लाभदायक साबित हो सकती है. इस राशि के जो जातक इंजीनियरिंग, आईटी, विद्युत् आदि क्षेत्रो में कार्यरत हैं और जो प्रोपर्टी बिजनेस में हैं उन्हें यह युति लाभ दे सकती है. इन्हें अपने कर्म क्षेत्र के सफलता मिलेगी और इनकी इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं. इन जातकों का भाग्य साथ देगा. इनकी विदेश यात्रा के योग बनेंगे साथ में प्रेम प्रसंगों में भी सफलता मिलेगी. इस दौरान इन जातकों के विवाह के योग भी बनेंगे.

वृष राशि-
मंगल का योगकारक से दशम भाव में युति इन राशि वालों के लिए भी कर्म क्षेत्र के बावत शुभ रहेगा. इनके धर्म-कर्म में वृद्धि होगी और तीर्थ यात्रा के योग होंगे. इंन जातकों को कार्य के सिलसिले में विदेश जाने का मौका मिल सकता है. अप्रैल के प्रारम्भ और मध्य में वैवाहिक जीवन में और सन्तान से कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, डायवोर्स तक के योग होंगे. इन जातकों का प्रारम्भिक सप्ताह ठीक नहीं रहेगा. अप्रैल महीने का उत्तरार्ध बेहतर परिणाम देगा और इनका भाग्य साथ देगा. इस समय कर्म क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी. जिनकी अच्छी जॉब का इन्तेजार उन्हें जॉब प्राप्त हो सकता है.

मिथुन राशि –

मिथुन राशि के जातको के नवम भाव में मंगल-शनि की युति उनके कर्म क्षेत्र में परिवर्तन के साथ सफलता प्रदान करेगा. इन जातकों के भाग्य खुलेंगे और इनकी इच्छाओं की पूर्ति होगी. मीडिया एंटरटेन्मेंट, कला इत्यादि क्षेत्रों में कार्य करने वाले जातकों के लिए अप्रैल का महीना लाभकारी रहेगा. इन जातकों को विदेश यात्रा के योग रहेंगे. महीने के उत्तरार्ध में थोडा सतर्क रहना होगा, अकस्मात कोई दुर्घटना या हानि की सम्भावना रहेगी.

कर्क राशि –

शनि-मंगल की युति कर्क राशि वालों के लिए शुभ नहीं रहेगा है. कर्क राशि के जातकों के राशि के अष्टम भाव में युति से इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इन्हें स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधान रहने की जरूरत रहेगी. इस समय कोई पुराना रोग उभर सकता है या नया रोग मिल सकता है. कर्क राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है. ऐसे में आपको मानसिक तनाव हो सकता है. धन हानि और परेशानियों सहित कोई यात्रा भी हो सकती है. हलांकि अप्रैल के अंत भाग में दोस्तों और पार्टनर से लाभ मिलने का योग रहेगा. धर्म क्षेत्र में भी काफी उठापटक हो सकती है, आस्था भी टूट सकती है. भाग्य साथ नहीं देगा.

सिंह राशि-

सिंह राशि के लिए शनि-मंगल की युति उनके सप्तम भाव में हो रही है. इन जातकों की शनि महादशा या मंगल महादशा हो तो इन्हें सावधान रहना चाहिए. यह युति इनके लिए मारक जैसा फल दे सकती है. कुछ जातकों को पार्टनर से अनबन, हाँ राशि के जातकों के राशि के अष्टम भाव में युति से इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जबकि बहुत से जातको के विवाह के योग होंगे. इन्हें अपने और सहधर्मिणी के स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधान रहने की जरूरत रहेगी. इस समय व्यापार में लाभ के योग रहेंगे, विदेशो से बिजनेस में तरक्की होगी.

कन्या राशि –

कन्या राशि वालों के लिए शनि और मंगल की युति सफलता ले कर आएगी. जॉब का इन्तेजार कर रहे जातकों को खुशखबरी मिलेगी और कार्य क्षेत्र में सफलता हासिल होगी. बिजनेस क्षेत्र में कार्यरत जातकों को अकस्मात बड़े लाभ के योग रहेंगे. कन्या राशि के जातकों को वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. सन्तान पक्ष से कष्ट हो सकता है, गर्भवती महिलाये इस काल में सावधान रहें. अकस्मात हानि और स्वास्थ्य के भी योग भी हैं इसलिए इन जातकों को सतर्क रहने की जरूरत होगी.

वृश्चिक राशि –

वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि और मंगल की युति नुकसानदायक साबित हो सकती है. इस राशि के लिए यह युति चतुर्थ भाव में बनने जा रहा है. ऐसे में आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है. इस समय स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत रहेगी. इस अवधि में कोई नया कार्य शुरू करने बचें, धन हानि की सम्भावना है और धन से सम्बन्धित मामले उजागर हो सकते हैं. वहीं, करियर और कारोबार में कोई परिवर्तन न करें. इस समय मां के साथ संबंधों में खटास आ सकती है, घर में उथलपुथल मच सकती है.. इस समय यात्रा के भी योग हैं लेकिन यात्रा में सावधानी की जरूरत होगी, एक्सीडेंट इत्यादि की सम्भावना रहेगी. इस काल में मानसिक अवस्था खराब हो सकती है.

मकर राशि –

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल और शनि का संयोग धन के लिए लाभकारी हो सकता है. ये युति आपकी गोचर कुंडली के दूसरे भाव में बनने जा रही है. लाभेश और धनेश की युति धन संग्रह का योग बनाएगा इसलिए अकस्मात धन की प्राप्ति की सम्भावना है लेकिन प्रारम्भिक सप्ताह में सतर्क रहें. इस समय वाणी पर नियन्त्रण रखें और परिवार में तनाव हो सकता है. इस समय विदेश की यात्रा के योग रहेंगे और विदेश से व्यापार में प्रगति होगी, परन्तु धन हानि का सामना भी करना पड़ सकता है. इस समय बड़े कर्ज मिल सकते हैं. खानपान ठीक रखें, लापरवाही न करें. 

मीन राशि –

मीन राशि के लिए मंगल और शनि का संयोग अच्छी खबर नहीं लायेगा बल्कि यह हानिकारक सिद्ध हो सकता है. ये युति आपकी गोचर कुंडली के 12वें भाव में बनने जा रही है. ऐसे में इस समय आपकी मानसिक चिंताएं बढ़ जाएँगी, कोई झूठा आरोप लग सकता है और समाजिक स्तर पर अपमान की सम्भावना रहेगी. इस धनहानि और फिजूल खर्चों में धन व्यय होगा. इतना ही नहीं, इस समय कोई बड़ी हानि हो सकती है और आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है. लापरवाही न करें. अप्रैल महीने विदेश यात्रा और आध्यात्मिकता की तरफ झुकाव होगा. अप्रैल के उत्तरार्ध में व्यापार में विदेशो से लाभ मिल सकता है.

नोट- गोचर का यह एक सामान्य राशिफल फल होता है. गोचर का सही फल जन्म कुंडली से ही सटीक बताया जा सकता है.