प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन्म से ओबीसी नहीं है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी के ओबीसी होने को झूठ बताते हुए कहा कि मोदी तेली जाति के वैश्य हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राहुल गांधी ने फिर से ओबीसी के मुद्दे छेड़ दिया था. उन्होंने कहा है कि मोदी जी लोगों को यह कह कर गुमराह करते आ रहे हैं कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं. मोदी का जन्म तेली जाति में हुआ था, सन 2000 में गुजरात में मोदी ने सीएम रहते खुद को ओबीसी में शामिल किया था. मोदी ने गुजरात सरकार की व्यवस्था को अपने फायदे के लिए बदला है. मोढ घांची समाज को ओबीसी सूची में डालने की कभी कोई मांग नही थीं पर ख़ुद को पिछड़ी जाति का बताकर वोट बैंक की पॉलिटिक्स कर सकें इसलिए उन्होने ख़ुद को पिछड़ा बना दिया. इस प्रकार से मोदी जी जन्म से ओबीसी नहीं हैं बल्कि वैश्य हैं.
नरेंद्र मोदी एक वैश्य जाति के होकर 10 साल से ओबीसी वर्गों को बरगला रहे हैं. मोदी मोध(मोठ)- घांची जाति हैं जो वैश्य है. गुजरात के घांची समुदाय को दूसरे राज्यों में तेली और साहू के तौर पर जाना जाता है. घाञ्ची-मोदी का लिटरल अर्थ कुछ इस तरह है – घन से पीट कर बीजों से तेल निकालकर उसका लेनदेन करने वाला मोदी. इस प्रकार मोदी मोढेरा, मोढ़ वैश्य, मोढ़ घांची समुदाय के हैं. सिर्फ गुजरात में यह उपजाति है. ये संख्या में थोड़े हैं लेकिन धनी हैं. दिलचस्प तथ्य यह है कि गुजरात में घांची समुदाय हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में है.
गौरलतब है कि इनका पारम्परिक बिजनेस घी और तेल का व्यापार था. मोदी घांची जाति गुजरात में एक समृद्ध जाति में गिनी जाती है. गुजरात के उत्तर के हिस्से में इस समुदाय के जो लोग मेहसाण सूर्य मंदिर के आसपास रहते हैं.

