Spread the love

राधारानी की नगरी बरसाना में सोमवार 18 मार्च को विश्व प्रसिद्ध लठामार होली खेली गई. लट्ठमार होली बरसाना और नंदगाँव में विशेष रूप से मनाया जाता है. आमतौर पर बरसाना की लट्ठमार होली फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है. इस दिन नंदगाँव के ग्वाल बाल बरसाना होली खेलने आते हैं और अगले दिन फाल्गुन शुक्ल दशमी को ठीक इसके विपरीत बरसाना के ग्वाल बाल होली खेलने नंदगाँव जाते हैं. इस दौरान इन ग्वालों को होरियारे और ग्वालिनों को हुरियारीन के नाम से सम्बोधित किया जाता है. इस बार लट्ठमार होली में करीब 15 लाख कृष्ण भक्त पहुंचे. बरसाना में दोपहर के समय भाव और भक्ति के अनूठे रंगों में सराबोर एक ओर नंदगांव के हुरियारे ढाल लेकर बरसाना पहुंचे तो दूसरी ओर बरसाना की हुरियारिनें लाठियां लेकर रंगीली गली में तैयार थीं. होली के गीतों की गूंज बीच लठामार भव्य होली की शुरुआत हुई.

रंगीली गली में हर हुरियारा कृष्ण और उनके सखा ग्वालबालों का रूप तो हर हुरियारिन राधारानी और उनकी सखियों का रूप लिए थी. ढाल पर लठों की चोट पड़ते ही लाड़ले-लाड़ली की जय-जयकार गूंज उठती. इस होली का आनंद इतना रहता है कि हर बार देश और विदेश से लाखो कृष्ण भक्त वैष्णव इस लीला के साक्षी बनने बरसाना पहुंचते हैं.

कुछ रंगीन तस्वीरें देखें –