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पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने ज्ञानवापी के निर्माण पर पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि समस्या का समाधान बातचीत होना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट कहा वो आरएसएस के उपद्रव और दंगा नीति का समर्थन नहीं करते. आपको बता दें कि राममन्दिर पर विहिप-आरएसएस के कब्जे के बाद सभी शंकराचार्य और बड़े धर्मगुरु अब खुल कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ खड़े हो गये है. उन्होंने संघ के प्रमुख मोहन भागवत को हिन्दू मानने से इंकार कर दिया है और कहा है कि उनमे खोजने से भी हिंदुत्व नहीं मिलेगा. शंकराचार्य जी ने आगे RSS पर गम्भीर आरोप लगाया है और कहा है इनका आतंकवादियो से है सीक्रेट रिश्ता है.

क्या यह कारण है कि नरेंद्र मोदी सरकार में आतंकवादी घर में घुस कर हमला कर रहे थे? पुलवामा हमले पर कश्मीर में राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक के खुलासे के बाद स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज की बातों को नकारा नहीं जा सकता है. आपको बता दे कि सतपाल मलिक ने नरेंद्र मोदी को आतकवादियों की अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा कैसे सम्भव है जो कश्मीर सेना के नियन्त्रण में है और गृहमंत्रालय उसे देखता है, वहां पाकिस्तान से 300 किलोग्राम आरडीएक्स लेकर आया कोई ट्रक 10 से 15 दिनों तक जम्मू और कश्मीर में घूमता रहा, लेकिन इंटेलिजेंस को इसकी भनक तक न लगी? मलिक ने कहा कि सीआरपीएफ ने सरकार से अपने जवानों को ले जाने के लिए विमान उपलब्ध कराने की मांग की थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. मलिक के खुलासे से यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है कि चुनाव जीतने के लिए पुलवामा करवाया गया, यह आरएसएस की अतंकवादियों के साथ मिलकर सोची समझी प्लानिंग थी.