नरेंद्र मोदी पर खरा खरा बोलते हुए पुरी गोवर्धनमठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि व्यास पीठ पर बैठे आचार्यों को अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए. उनमें ऐसी विशेषता अर्थात सत्य, धर्म, शास्त्र निष्ठा, वैराग्य इत्यादि गुण होने चाहिए कि प्रधानमंत्री भी समझे कि इनकी उपयोगिता है नहीं तो रौंद ही डालेंगे. मोदी-योगी सबको रौंदने की कोशिस कर रहे हैं, ये किसी बाबा को टिकने नहीं देंगे. ये दोनों खुद ही धर्मगुरु बने घूम रहे हैं. यदि परमात्मा भी आ जाये तो उन्हें गिनने वाले नहीं है.
उन्होंने वल्लभाचार्यों पर चुटकी लेते हुए कहा कि एकबार एक ही परिवार के पितामह, पुत्र और पोता भी वल्लभाचार्य मिले. ये तीनों कतार में चांदी के सिंहासन पर बैठे थे. राममन्दिर उद्घाटन के अवसर पर ये तीनों मोदी के 40 फिट नीचे प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठे थे. वीडियो को ध्यान से सुनें और समझें..

