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राहु-काल में चातुर्मास में राम मन्दिर भूमि पूजा का फल मिलने वाला है. पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी महाराज ने मोदी-योगी द्वारा नकली शंकराचार्य बना कर घुमाने से दुःखी होकर बड़े क्रोध और कष्ट में दे दिया था श्राप. उनका दिया हुआ श्राप फलीभूत होता हुआ दिख रहा है. नरेंद्र मोदी की ठगों की रिजीम का अधर्म और कुशासन का अंत निकट है. इन आचार्यों के पास परम्परा का बल है, तप है और सत्य है. इनकी ईश्वर निष्ठा पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता है.