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तमिलनाडु के मंत्री और DMK नेता उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म’ को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर हिंदुत्व खुश है. उधर उत्तर प्रदेश में हिन्दू धर्म के खिलाफ विवाद बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या का पुतला जलाने वाले बेचारे हिंदुत्व केतुओं को योगी ने गिरफ्तार करवा दिया. भाई, वोट किसको नहीं चाहिए? हिंदुत्व की दंगाई राजनीति का एकमात्र उद्देश्य हिन्दुओं को बरगलाना और वोट प्राप्त करके लूटपाट करना है. देश को चन्द गुजराती बनियों को बेचने की अंतिम कोशिस मोदी कर रहे हैं.

इधर दलित नेता प्रियांक खड्गे ने भी उदयनिधि स्टालिन की बात पर सुर में सुर मिला दिया –

प्रियांक खड्गे की बात पर सभी सहमत होंगे, समानता का अधिकार सबको है. यदि धर्म तन्त्र समानता के अधिकार को नकारता है तो वह त्याज्य है. समानता, स्वतन्त्रता, भातृत्व यह सनातन धर्म के मूल में हैं. यदि कुछ सम्प्रदाय अपनी वर्गीय पौराणिक राजनीति करते हैं तो उसको नकारने का अधिकार उस सभी वर्गों को है जो असामनता से दुखी हैं.

यह समानता की राजनीति इससे ऊपर उठनी चाहिए और उन वर्ग के प्रति निर्देशित होना चाहिए जिन्होंने बड़ी चालबाजी से देश के संसाधनों पर नियन्त्रण कर लिया है. पिछले 9 वर्षों में यह नियन्त्रण ज्यादा व्यापक स्तर पर हुआ. कुछ हजार बनिया चाहते हैं कि सब कुछ प्राइवेट हाथों में चला जाय, यहाँ तक कि कृषि भी ताकि मनमाने कीमत पर जीवन की आवश्यक वस्तुएं बेचकर धन संग्रह कर सकें. सरसों तेल 65 रूपये से 190 रूपये लीटर यूँ ही नहीं हो गया? अडानी के कारण हो गया. इसमें किसकी हानि है? आम जनता की ही हानि है. भारतीय पोर्ट, एयरपोर्ट, कम्पनियां, स्टेशन इत्यादि को बेच कर मोदी ने दलितों का अधिकार छीन लिया. अब वे इन कम्पनियों में रिजर्वेशन की नौकरी नहीं पा सकते. बनियों के इस हिंदुत्व फासिज्म का षड्यंत्र से लड़ने की जरूरत है.