हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ भगवान शिव की पूजा-उपासना का बड़ा महत्व है. हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह शैवों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है. शिव भक्तों की यही एकादशी है. धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ दिन शिवजी की विधिवत पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. इस दिन भगवान शिव परम आनंद में तांडव करते हैं और पूजित होने पर तत्काल प्रसन्न हो जाते हैं. इस व्रत को करने से समस्त कष्टों से छुटकारा मिलता है. प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में विधिवत पूजा करने के बाद महादेव को सभी प्रिय चीजों का भोग लगाएं. विविध अन्न भोग भी लगायें. शिव पूजन कभी अकेले शिव का नहीं करना चाहिए. माता पार्वती के साथ गणेश पूजन सहित शिव पूजन करना चाहिए. हिन्दू पंचांग के अनुसार,माघ महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी 2024 दिन बुधवार को पड़ रही है. बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष कहा जाता है.
प्रदोष मुहूर्त –
हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 21 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 22 फरवरी 2024 को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी. प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की प्रदोष काल में पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसलिए 21 फरवरी 2024 को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 15 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.

