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मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार को पुलिस को आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज सभी क्रिमिनल केस की जानकारी देने का निर्देश दिया था. जिसके कारण बड़ी संख्या में पुलिस ने बल सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन फैक्ट्री पर धावा बोल दिया. आशाराम कि तरह जग्गी वासुदेव भी नरेंद्र मोदी का ख़ास आदमी है. मोदी से सम्बन्धित सभी व्यक्ति अक्सर अवैध गतिविधियों में शरीक, अधर्म और सामाजिक जुर्म करते हुए पाए जाते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को 3 DSP समेत 150 पुलिसकर्मियों ने आश्रम में तलाशी ली. पुलिस ने आश्रम में रहने वाले लोगों और कमरों की जांच की. तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने फाउंडेशन के खिलाफ याचिका लगाई थी इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि फाउंडेशन में उनकी दो बेटियों को बंधक बनकर रखा गया है. उन्हें तुरंत मुक्त कराया जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि ईशा फाउंडेशन ने उनकी बेटियों का ब्रेनवॉश किया, जिसके कारण वे संन्यासी बन गईं. उनकी बेटियों को कुछ खाना और या नशीली दवा या ड्रग दी जा रही है, जिससे उनकी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो गई है.

सद्गुरु को लताड़ते हुए कोर्ट ने कहा कि जब आपने अपनी बेटी की शादी कर उसे अच्छी जिदगी में सेटल कर दिया है, तो दूसरों की बेटियों को सिर मुंडवाने और सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यासियों की तरह रहने के लिए क्यों प्रोत्साहित कर रहा है?

गौरतलब है कि सद्गुरु सनातन हिन्दू धर्म की परम्परा से अलग एक योनी की मूर्ति बनाकर पूजा करवाता है और उसे लिंग भैरवी कहता है. यह अशास्त्रविहित अधर्म का प्रचार करता है. कभी हिन्दू देवताओं को गाली देता है, कभी लडकियों को सिखाता है कि शादी से पहले सेक्स क्यों अनिवार्य है. सद्गुरु एक विशुद्ध बिजनेस इकाई है जो कपड़े, पूजा सामग्री, धार्मिक वस्तुएं, पेय, आयुर्वेदिक शक्तिवर्धक इत्यादि का उत्पादन करता है और उसे बेचता है. उसके वैबसाइट पर उसके पैरों का फोटो ३200 रूपये में बिक रहा है.