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भाद्रपद पूर्णिमा के बाद से ही अश्विन माह शुरू हो जाता है. आज 29 सितम्बर को पूर्णिमा तिथि 3 बजे दिन के बाद ही खत्म हो जाएगी और आश्विन मास शुरू हो जायेगा. लेकिन तिथि को सदैव सूर्योदय से ग्रहण करने की परम्परा है इसलिए अश्विन महीना का प्रारम्भ 30 सितंबर 2023, शनिवार से हो रहा है. वैदिक काल में यह महीना आश्वयुज नाम से जाना जाता था.  इस देवता और पितरों के शुभ महीने का समापन 28 अक्टूबर 2023 को होगा तदुपरांत महीनों में सबसे शुभ कार्तिक मास आरंभ हो जाएगा. कार्तिक विष्णु का महीना है. आश्विन महीना देव और पितृ पूजन के लिहाज से काफी खास है, इसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण पूजन, ब्राह्मण भोजन और दान करना चाहिए, दान का महात्म्य सबसे ऊपर है. पितरों के पूजन परिवार की बरक्कत होती है, घर में समृद्धि आती है.

पूर्व काल में परम्परानुसार पितृ पूजन किया जाता था और पितरों के प्रिय भोज्य पदार्थों को बना कर उन्हें प्रदान किया जाता था. अनेक पितर मांसाहार भी करते हैं इसलिए पूर्व काल में मांस निवेदन करने की परम्परा भी थी. पुराण में इस प्रकार से जिक्र है. पितृ पक्ष में वैदिक विधि का अनुगमन करें. पुराण मत हेय है, यह पतन कराता है. यह समझ कर सात्विक वैदिक मार्ग से चलना श्रेयस्कर है. पितरों को उनकी प्रिय वस्तु अर्पण करने में कोई हानि नहीं है. पितृ पक्ष के समाप्त होने के बाद ही शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि का प्रारम्भ होगा जो हिन्दुओं का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है और सबसे लम्बा पर्व भी है. इस पर्व में 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करके मनुष्य सब कुछ प्राप्त कर लेता है. महादेवी सभी संकटों और विपत्तियों का नाश करने वाली हैं. इस महीने की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाएगा. अशुभ के प्रतीक राक्षस राज रावण का दहन किया जाएगा. शरद पूर्णिमा पर अश्विन माह की समाप्ति हो जायेगी है.

शरद पूर्णिमा मेष राशि अश्विनी नक्षत्र में लगती है इसलिए इसका नाम आश्विन है.  शरद पूर्णिमा को पूनम, पूनो, शरदपूर्णो भी कहते हैं, वैष्णव धर्म में इसका बहुत महत्व है. शरद पूर्णिमा के दिन ही श्री कृष्ण ने द्वापर युग में वृन्दावन की गोपियों संग महारास रचाया था. इसमें  मां लक्ष्मी का विशेष पूजन किया जाता है और चन्द्र रश्मियों से सोम की प्राप्ति के लिए खीर को घर की छत पर रखा जाता है और प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है.

पितृपक्ष का मुहूर्त –

आश्विन माह का प्रारंभ 30 सितंबर दिन शनिवार से हो रहा है. आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा ति​थि 30 सितंबर को है. प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 29 सितंबर शुक्रवार को दोपहर 03:26 बजे से हो रहा है और यह 30 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे तक है.