
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के बाद पौष मास की शुरुआत होती है. यह हिन्दू साल का 10वां महीना माना जाता है. यह महीना शनि द्वारा विशेष रूप से शासित माना जाता है. पूष की रातें बहुत सर्द होती थीं. मुंशी प्रेमचन्द्र की एक कहानी ही है “पूष की रात”. इस महीने का खास महत्व है, इसमें मकर संक्रांति, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, पोंगल, शाकम्भरी जयंती, पाक्षिक एकादशी और प्रदोष व्रत समेत कई व्रत त्योहार आते हैं. पौष माह की शुरुआत 27 दिसंबर 2023 से हो रही है जो 25 जनवरी 2024 तक रहेगा. यह महीना स्नान, दान-पुण्य का विशेष महीना है. मकर संक्रांति इस महीने का विशेष पर्व है. मकर संक्रांति से सूर्य पूर्ण रूप से उत्तरायण हो जाता है.
मकर संक्रांति में किये गये दान का बहुत महत्व है. मकरसंक्रांति का दान सभी दान में श्रेष्ठ कहा गया है. काल में इससे शुभ काल नहीं होता. सूर्य शनि के पिता हैं जो पुत्र के घर जाते हैं इसलिए अति शुभ महीना है. इस महीने में पितृ पूजन और तर्पण का भी विशेष महत्व है. इस महीने में विष्णु पूजन का भी विशेष फल प्राप्त होता है.
पौष मास 2023 के व्रत-त्योहार
27 दिसंबर 2023 मंगलवार- पौष मास की शुरुआत आज से हो रही है.
30 दिसंबर 2023, शनिवार को संकष्टी गणेश चतुर्थी है, इसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं.
01 जनवरी 2024 – नया साल,
03 जनवरी 2024- मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
07 जनवरी 2024-;सफला एकादशी
09 जनवरी 2024 -प्रदोष व्रत
09 जनवरी 2024-मासिक शिवरात्रि
11 जनवरी 2024 – पौष अमावस्या, दर्श अमावस्या
14 जनवरी 2024- मकर संक्रांति
14 जनवरी 2024- विनायक चतुर्थी
15 जनवरी 2024- पोंगल
16 जनवरी 2024- वस्सी उत्तरायण
18 जनवरी 2024- शाकम्भरी उत्सव आरम्भ
21 जनवरी 2024- पौष पुत्रदा एकादशी
22 जनवरी 2024- कूर्म द्वादशी
23 जनवरी 2024- भौम प्रदोष व्रत
25 जनवरी 2024- शाकंभरी पौष पूर्णिमा (शाकंभरी जयंती)