ज्योतिष के मुताबिक, रत्न पहनने से व्यक्ति की किस्मत चमकती है और भाग्य का साथ मिलता है. हीरा रत्न पहनने से धन, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य, नई संभावनाओं, और सफलताओं में मदद मिलती है. इससे जीवन में समृद्धि आती है. रत्न पहनने से पहले यह जानना जरूरी है कि रत्न सूट करेगा या नहीं . माणिक्य, पुखराज, नीलम और हीरे के साथ विशेष सावधानी रखनी चाहिए क्योकि ये बहुत शक्तिशाली रत्न होते हैं ख़ास तौर से हीरा और नीलम. ये रत्न किस्मत बनाते हैं और बिगाड़ते भी हैं.
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में हीरे की खानें हैं. यह भारत में हीरा उत्पादन का गढ़ माना जाता है. यहाँ बड़ी खाने हैं साथ में कुछ पट्टे पर भी छोटी छोटी खान हैं. इन खानों में गरीब गाँव वाले हीरा निकालते हैं और वर्षों मिटटी धुलने के बाद कभी किसी हीरा मिल जाता है लेकिन फिर भी उनकी किस्मत नहीं बदलती है. ऐसे गिने चुने लोग हैं जिन्होंने हीरे से अपनी किस्मत संवारा है. पट्टे पर सरकार एक कमरे के बारबर 8 बाय 8 की जमीन का एक टुकड़ा देती है. यहाँ से यदि किसी को हीरा मिलता है तो वो उसे सरकारी दफ्तर में जमा कराते हैं जहाँ उसकी कीमत तय होती है. तय कीमत में से सरकार 1.5 प्रतिशत रॉयल्टी और एक प्रतिशत टैक्स लेती है और शेष खुदाई करने वाले को मिलता है. पन्ना क्षेत्र में हीरा प्रति 100 टन टफ (ज्वालामुखी राख के से बनी एक हल्की झरझरी चट्टान) से लगभग 10 कैरेट (1 कैरेट = 0.2 ग्राम) के आसपास निकलता है. इसकी खुदाई वर्षो तक चलती है जिसमे ज्यादातर लोग बर्बाद ही होते हैं. हीरा खोजने का जुनून भारी कर्ज में दबने के साथ खत्म होता है. किसी को हीरा मिला है फिर भी वे कर्ज में अपनी जिन्दगी खत्म करते हैं. पन्ना की जमीन भले ही बहुत समृद्ध है लेकिन इसकी भूमि पर रहने वाले लोग देश के सबसे गरीब लोगों में से एक हैं.
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