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अयोध्या राम मन्दिर में जिस मूर्ति को 500 साल से पूजा हो रही थी उसकी स्थापना नहीं हो रही है. एक नई मूर्ति की स्थापना की जा रही है. इस पर विपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जिस मूर्ति को लेकर झगड़ा हुआ, वो मूर्ति कहाँ है ? अयोध्या में राम लला की मूर्तियों का निर्माण मुसलमान शिल्पकारों ने किया है, इस पर भी सवाल खड़े किये गये हैं. न्यूज के अनुसार राम लला की मूर्ति सिंघल के मरने के बाद गायब कर दी गई? किसी न्यूज के अनुसार उसे ओरछा के किले में रखा गया है. सवाल है कि जिस पुरानी मूर्ति की पूजा 500 साल से हो रही थी, उस मूर्ति की स्थापना न करके नई मूर्ति क्यों लगाई जा रही है?

दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर अम्बेडकर की विचारधारा को मानने वाले दलित बुद्धिजीवी और आन्दोलनकारी सवाल कर रहे कि बनिया नरेंद्र मोदी द्वारा नव-ब्राह्मणवाद की प्रतिष्ठा की जा रही है. यह दलितों के दमनकारी क्षत्रिय भगवान की मूर्ति की स्थापना है जिसने मनुवाद को स्थापित किया था. इसका दलित समाज से कोई लेना देना नहीं है.