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आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक होगी. अश्विन शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 को रात 11.24 मिनट पर शुरू होगी 16 अक्टूबर 2023 को प्रात: 12.03 मिनट पर समाप्त होगी.  लेकिन, चित्रा नक्षत्र होने के कारण  घटस्थापना चित्रा नक्षत्र के दो चरण पूरे हो जाने के बाद 6:22 के बाद स्थापित किया जा सकता है. यदि सब कुछ तैयार हो तो शोर्ट कलश स्थापना तुला लग्न के उदय से पूर्व कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि का सम्पूर्ण काल शुभ होता है, इस काल में मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता.  यदि महूर्त पर चलें तो 10:02 मिनट तक अशुभ वैधृति योग है इसलिए दस बजे तक कलश स्थापना करना शुभ नहीं होगा.

पंचांग के अनुसार, 15 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना सबसे शुभ है. तैयारी के लिए समय भी पर्याप्त होगा.  सुबह 11 बजकर 44 मिनट से घटस्थापना शुरु करें. नवरात्रि करने वाले देवी भक्त सदैव इस बात का ख्याल रखें कि नवरात्रि में महूर्त दोष मान्य नहीं होता. सभी शाक्त ग्रन्थ यह कहते हैं लेकिन शुभ लग्न में पूजन करें.

दुर्गा देवी की पूजा के लिए सबसे सुबह लग्न कन्या, मिथुन, धनु और मीन लग्न माने गये हैं. इनमें भी कन्या और मीन सर्वश्रेष्ठ माने गये हैं.  देवी का पूजा अनुष्ठान इन्हीं चार लग्नों में श्रेष्ठ माना गया है. इस नवरात्री सुबह का कन्या लग्न में ज्यादातर लोग कलश स्थापना नहीं कर पाएंगे, ऐसे में धनु लग्न में कलश स्थापना शुभ है. धनु लग्न में सुबह 11 बजकर 44 मिनट बाद कलश स्थापना कर सकते हैं.