
राशियों की तरह ही नौ ग्रह भी तत्वात्मक हैं और स्वभाव के अनुसार उनकी वस्तुएं, मेटल इत्यादि हैं. सभी वस्तुओं को धातु, मूल, जीव में बांटा गया है.
धातु-शनि, मंगल, राहु
मूल-केतु, शुक्र, सूर्य
जीव -गुरु, बुध, चन्द्रमा
राहु केतु की कोई राशि नहीं है लेकिन उनके तत्वात्मक स्वरूप के कारण उनकी भी प्रतिनिधि वस्तुयें हैं जिनपर उनका अधिपत्य माना गया है. नौ ग्रहों की मोटी मोटी वस्तुएं दी जा रही हैं –
सूर्य –
स्वर्ण, माणिक्य, मोती, ताम्र, रेशम , चमडा, भूसा, अनाज, वृक्ष, तीखे पदार्थ, रूपये-पैसे, बिष, बीज, अग्नि, अग्निप्रधान वस्तुएं, सभी प्रकार के खादान, सरसों, लाल रंग की वस्तुएं, रसदार गंधयुक्त वस्तुए इत्यादि.
चन्द्रमा –
मधु, फल-फुल, जल से उत्पन्न वस्तुएं, चावल, गेंहूँ, जौ, रस, मोती, शंख, चांदी, श्वेत वस्त्र, नमक, तरल पदार्थ, , अंडे से निकले पदार्थ, सिंघाड़ा इत्यादि
मंगल –
लाल रंग के फल, गुड़, मदिरा, तीखी स्वाद की वस्तुएं, तीखे फल, पारा, मसूर, लाल रत्न, लाल रंग की धातु, लाल वस्त्र, मूंग, शस्त्र, बकरा इत्यादि
बुध –
मूंग, जौ, मटर, अरहर, दो दाल की फसलें या अनाज, शब्जी, हरे रंग की चीजें, तेल के बीज, खट्टे पदार्थ, गंध, इत्र, पक्षी, हरे रंग के मूल्यवान पत्थर, नग इत्यादि
गुरु –
पीला वस्त्र, पुखराज, हल्दी, जटामासी, तगर, मोम, पिली चीजें, सेम, अंगूर, बेल के फल, घिया, सरसों, गन्ना, घोड़े, गाय, कपूर , सभी फलदार वृक्ष, हर तरह के मधुर फल इत्यादि
शुक्र –
हीरा, मूल्यवान रत्न, जेवर, रेशम, कम्बल, रेशमी कपड़े, कीमती सूती वस्त्र, लगाव, मिलाजुला अनाज, जल से उत्पन्न वस्तुएं, त्रिफला, अहड्, बहड़, आंवला, चोब-चीनी, जायफल, अंगूर की बेल, स्फटिक, अग्र, मिर्च, मेवा, रुई, कपास इत्यादि
शनि-
नीला पुखराज अर्थात नीलम, कड़वी स्वाद वाली चीजें, अन्न, फल, भैंस, गधा, ऊंट, मटर, कोगुनी, कोदो, तिल, उड़द, वात वाली तासीर की चीजें, ऊन, चमड़े का सामान, काला नमक, नील, काली वस्तुएं लोहा, कोयला, तेल, पेट्रोल, खदान इत्यादि
राहु-केतु –
गोमेद, सूरमा, रांगा, लोहा, शीशा, घटिया छिलके वाले चावल, नील रंग की वस्तुएं, हड्डी, मज्जा, कोन, कोदो, कंगुनी, मदिरा, तिल, उड़द, सूअर, गधा, बकरा, ड्रग, नशीली वस्तुएं इत्यादि