“I am aware of the threat in Israel due to the war with Hamas, but it’s better to die while working than to die of hunger without a job here in our state,” said the postgraduate in history from Chaudhary Ranbir Singh University, Jind.
टाइम्स ऑफ़ इण्डिया में छपी खबर के अनुसार भाजपा शासित हरियाणा प्रदेश में आजकल इजराइल में लड़ने और काम करने के लिए किराये के गरीब हिन्दू भेजे जा रहे रहे हैं. योगी आदित्यनाथ भी इण्डिया में जॉब नहीं दे रहे इजरायल में दे रहे हैं, उत्तर प्रदेश जॉबलेस पोस्टग्रेजुएट हिन्दू नवयुवकों को इजरायल के लिए लड़ने, उनके युद्ध में माल ढोने, कंस्ट्रक्शन के काम के लिए भेज रहे हैं. भारत में कोई जॉब नहीं है. मोदी सरकार मन्दिर की राजनीति द्वारा हिन्दुओं को पुन: बरगलाने का आयोजन कर लिया है. 
खबर के अनुसार हरियाणा के दयानंद यूनिवर्सिटी, रोह्तक में इजरायल के लिए रिक्रूटमेंट हो रहा था तो वहां लाइन में लगे ज्यादातर नवयुवक जिन्होंने मोदी को वोट दिया था उनका कहना है था कि हरियाणा में भूखों मरने से बेहतर है इजरायल के लिए काम करके मरें. चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगार नवयुवक रोह्तेश कुमार ने कहा ” इजरायल-हमास युद्ध के खतरे को हम अच्छी तरह जानते हैं. लेकिन यहाँ बेरोजगार रह कर भूखों मरने से बेहतर है वहां काम करते हुए मरें” ऐसे ही एक दूसरे बेरोजगार नवयुवक का कहना है कि “हरियाणा में बेरोजगारी चरम पर है, सभी को पता है. यदि इजरायल में जॉब मिल रही है तो हम वहां जा कर करेंगे. यहाँ मरने से बेहतर है”

इजरायल जॉब देने वाले भी हिंदुत्व के ही एजेंट हैं जो इन बेचारे बेरोजगारों से 1.5-2.5 लाख तक कमिशन ले रहे हैं. ज्यादातर जॉब मजदूरी का ही जॉब दिया जा रहा है जिसमे टाइल्स बिछाना, लकड़ी काटना, पेंट करना इत्यादि शामिल हैं. इस जॉब को करने के लिए पोस्टग्रेजुएट नवयुवक लाइन में खड़े हैं. 
गौरतलब है कि हिंदुत्व फासिस्ज की नरेंद्र मोदी पॉलिसी के चलते भारत से अब तक 2018 से 10 लाख से ज्यादा भारतीय इण्डिया की नागरिकता छोड़ विदेश सेटल हो गये हैं. आंकड़ो के अनुसार अकेले 2,25,620 पिछले 2022 में छोड़ गये हैं. 

