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हिन्दू पुजारी, ज्योतिषी , astrologers शनिवार को शुभ काम की मनाही करते हैं. गोदी मीडिया में बैठने वाले पंडितों के मुहूर्त का तो आतंक रहता है. सभी हिन्दू जानते हैं कि खरमास महीने में शुभ काम नहीं किये जाते हैं. इस समय खरमास का महीना चल रहा है. मुहूर्त शास्त्र के शैतान ज्योतिषी सबसे अशुभ तिथि चुन कर मोदी को देते हैं. ये वही धूर्त ज्योतिषी हैं जिन्होंने मोदी से कोरोना भगाने के लिए थाली भी बजवाई. बन्दा शैतानों की तरह सारे अशुभ दिन, मुहूर्त में, राहु काल में सभी बड़े काम करता है. आरएसएस के लिए राजनीतिक प्रोजेक्ट सबसे महत्वपूर्ण है. राजनीति ही सबसे बड़ा धर्म है, कुर्सी ही भगवान है. इसके लिए दंगा कराना हो, हजारों लोग मारने हो तो मारा जा सकता है. मन्दिर प्रोजेक्ट बना कर रखा गया था कि चुनाव करीब आयेगा तो प्रोपागेंडा करना है, भले ही मन्दिर पूर्ण रूपेण न बना हो.

हिन्दू धर्म के मुहूर्त शास्त्र में पौष मास की दोनों पक्षों की चतुर्थी और पंचमी मासशून्य तिथि कही गई है. मास शून्य तिथियाँ शुभ कर्मों में निन्दित बताई गई हैं. इसके अलावा खरमास का महीना और शनिवार भी है. इस तरह यह पूरा अशुभ काल ही है जिसमे मोदी के छंटे हुए अधर्मी राजनीतिक बाबा और ज्योतिषी यह सब करवा रहे हैं. सनातन हिन्दू धर्म की ऋषियों द्वारा स्थापित परम्परा को तो तिलांजलि दी जा चुकी है.
मोदी ने जो राहु-काल का रास्ता दिखाया है उससे पुराण और धूर्त मुहूर्त रिजीम के खत्म होने का रास्ता साफ़ है. शुभ-अशुभ दिन की संकल्पना का खत्म होना ठीक ही है. इससे चार्वाक मत मजबूत होगा. परम्पराविहीन इन राजनीतिक अधर्मियों द्वारा धर्म का नाश होना ही है.