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हर 12 साल में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु पुण्य स्नान के लिए आते हैं. कुम्भ मेले में1954 से लेकर 2025 तक, पांच कुंभ मेले ऐसे हुए जिसमें भगदड़ मची और हजारों श्रद्धालु अपनी जान गंवा बैठे. बुधवार (29 जनवरी 2025) को प्रयागराज में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ हुई जिसमे कई लोग घायल हो गए और 35 से ज्यादा लोगो की मौत हो गई. महाकुंभ में अब तक के सबसे बड़े हादसों की लिस्ट देखें –

1954 को प्रयागराज में महाकुंभ-
3 फरवरी 1954 को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के समय भगदड़ मच गई. इस त्रासदी में लगभग 800 लोगों की जान चली गई, जबकि हजारों श्रद्धालु घायल हुए.

1986: हरिद्वार कुंभ में वीआईपी मूवमेंट बना हादसे की वजह
1986 के हरिद्वार महाकुंभ के दौरान एक और बड़ी भगदड़ हुई, जिसमें करीब 200 लोगों की मौत हो गई. VIP ट्रीटमेंट के कारण परेशान गुस्साई भीड़ बेकाबू हो गई. लोगों ने जबरन बैरिकेड तोड़ दिए और अफरा-तफरी में बड़ी संख्या में लोग कुचले गए.

2003: नासिक कुंभ में गोदावरी नदी किनारे मची भगदड़
2003 में महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित महाकुंभ के दौरान 27 अगस्त को एक बड़ा हादसा हुआ. गोदावरी नदी में स्नान के लिए उमड़ी लाखों की भीड़ अचानक बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई. इस घटना में 39 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए।.

2013: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर मची अफरा-तफरी
10 फरवरी 2013 को प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़ी. स्टेशन पर बने एक फुटब्रिज पर अचानक भगदड़ मच गई. इस हादसे में 42 लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

2025: मौनी अमावस्या स्नान पर प्रयागराज में फिर मची भगदड़
29 जनवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान एक बार फिर भगदड़ मची. मौनी अमावस्या स्नान के दिन संगम नोज पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे बैरिकेड टूट गए और अफरा-तफरी मच गई. सैकड़ो लोगों के घायल होने की खबर आई, जबकि 17 से ज्यादा मौते बताई जा रही है.