
प्रयाग महाकुम्भ में इस बार भांति भांति के विचित्र जन्तु उपराए. धर्म का दुरूपयोग करने के लिए कुछ बदचलन महिलाओं ने बाबाओं के रथ पर सवारी की, कुछ अन्य भी गलत कारणों से चर्चा में आये. आजकल गलत व्यक्ति ही जल्दी चर्चित आ जाता है. जिस तरह गिद्धों की नजर सदैव मृत जीवों के कंकाल पर रहती है वैसे ही कलियुग का ऐसा घोर प्रभाव है कि पापियों की नजर सिर्फ विष्ठा पर ही रहती है. मीडिया की दृष्टि एक अच्छे बाबा पर नहीं पड़ी, ये खोज ले आये एक मानसिक रूप से विक्षप्त चरसी और उसे IIT बाबा के रूप में प्रचारित करने लगे. यह IIT बाबा यूट्यूवर्स के मजाक का विषय बन गया और यूट्यूबर्स उसकी मुर्खतापूर्ण बातों से अपना व्यू बढ़ाने लगे. यह भी बहुत बड़ा रोग हो गया है. इन्स्टाग्राम पर रील बनाने वालों का ऐसा प्रकोप है कि उस प्लेटफोर्म पर अब कोई सभ्य व्यक्ति दस मिनट नहीं गुजार सकता है. वल्गर कंटेंट की ऐसी बाढ़ है की पोर्नोग्राफी भी फेल हो गई है.
तथाकथित IIT बाबा का प्रपंच जल्द ही सामने आ गया और जिस अखाड़े से खुद को जुड़ा हुआ बताता था उसके महंथ ने बताया की यह एक मवाली और क्रेक माइंड है. जिस जूना अखाड़े में किसी स्वामी सोमेश्वर पुरी का चेला बता कर रह रहा था उनकी मृत्यु 20 साल पहले हो गई थी. अखाड़े के बाबाओं उसे अब खदेड़ दिया है. अखाड़ा शिविर और उसके आस-पास आने पर रोक लगा दी गई है. इस पागल का यह वीडियो वायरल है –
कम्प्यूटर की दुनिया विक्षिप्त लोगों की संख्या में बहुत तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. इसकी प्रमुख वजह काम का दबाव, जॉब की कमी, असुरक्षा की भावना, वैवाहिक जीवन का नष्ट होना और ड्रग-चरस गांजा इत्यादि का सेवन करना है.
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